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MMRDA ठाणे-भिवंडी को जोड़ने वाला पुल बनाएगा

MMRDA ठाणे-भिवंडी को जोड़ने वाला पुल बनाएगा ठाणे और भिवंडी के बीच सड़क मार्ग से यात्रा अब और तेज़ होने वाली है क्योंकि मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ठाणे के कोलशेत और भिवंडी के कल्हेर को जोड़ने के लिए वसई क्रीक पर छह लेन का पुल बनाने की योजना बना रहा है। 2.2 किलोमीटर लंबे इस पुल की अनुमानित लागत 430 करोड़ रुपये  एमएमआरडीए के एक प्रवक्ता ने बताया कि 2.2 किलोमीटर लंबे इस पुल की अनुमानित लागत 430 करोड़ रुपये है। इससे दोनों उपनगरों के बीच यात्रा का समय लगभग 45 मिनट से घटकर 5-7 मिनट रह जाएगा।एमएमआरडीए ने गुरुवार को इस परियोजना के लिए निविदाएँ जारी कीं और इसके तीन साल में निर्माण पूरा होने की उम्मीद है। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर पर एक स्टेशन  यह भिवंडी, एक औद्योगिक केंद्र, जिसका मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर पर एक स्टेशन है, के साथ संपर्क बेहतर बनाने के प्रयासों का एक हिस्सा है। अपने पावरलूम और लॉजिस्टिक्स उद्योगों के लिए प्रसिद्ध इस शहर में हाल के दिनों में ठाणे और मुंबई की ओर यातायात में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। इस परियोजना को उपमुख्यमंत्री एकन...

बिरसा मुंडा: आदिवासी नायक और स्वतंत्रता सेनानी

बिरसा मुंडा: आदिवासी नायक और स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा (15 नवंबर 1875 - 9 जून 1900) भारत के झारखंड प्रांत के मुंडा आदिवासी समुदाय के एक महान नेता, स्वतंत्रता सेनानी और सामाजिक सुधारक थे। वे ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन और जमींदारों के अत्याचारों के खिलाफ 'उलगुलान' (क्रांति) नामक विद्रोह के प्रणेता थे, जिसने आदिवासी अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष किया। आज, 15 नवंबर 2025 को उनकी 150वीं जयंती मनाई जा रही है, जो आदिवासी गौरव और प्रतिरोध की भावना को जीवंत करती है। प्रारंभिक जीवन जन्म: 15 नवंबर 1875 को बंगाल प्रेसीडेंसी (वर्तमान झारखंड) के उलीहातू गांव में मुंडा परिवार में जन्मे। उनके पिता सुगना मुंडा और माता कर्मी हातु (या करमी मुंडा) थीं। बचपन से ही वे बुद्धिमान और जिज्ञासु थे। उन्होंने खरसावां के एक मिशनरी स्कूल में शिक्षा प्राप्त की, जहां ईसाई धर्म का प्रभाव पड़ा, लेकिन बाद में उन्होंने मिशनरियों के धर्मांतरण प्रयासों का विरोध किया। संघर्ष और उलगुलान 1890 के दशक में, बिरसा ने मुंडा और ओरांव आदिवासियों को एकजुट किया। ब्रिटिश सरकार और जमींदारों द्वारा आदिवासी भूमि पर कब्जा, कर वसूली...

बाल दिवस (Children's Day) भारत में हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिन्हें बच्चे बहुत प्यार से 'चाचा नेहरू' कहते थे। नेहरू जी बच्चों से बेहद प्रेम करते थे और उन्हें राष्ट्र निर्माण का आधार मानते थे

  पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की जयंती पर हार्दिक शुभकामनाएँ!  आज, १४ नवंबर २०२५ को, भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी का जन्मदिन है। उनका जन्म १४ नवंबर १८८९ को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में हुआ था। नेहरू जी को 'चाचा नेहरू' के नाम से भी जाना जाता है, और उनकी जयंती को भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि वे बच्चों से बहुत प्यार करते थे। नेहरू जी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य: स्वतंत्रता संग्राम में योगदान: नेहरू जी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता थे और महात्मा गांधी के करीबी सहयोगी। उन्होंने १९४७ में भारत की आजादी के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री के रूप में १७ वर्षों तक सेवा की। विकास के प्रणेता: उन्होंने पंचवर्षीय योजनाओं, भाखड़ा नांगल बांध जैसी परियोजनाओं और गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) की नींव रखी, जो भारत को आधुनिक राष्ट्र बनाने में मील का पत्थर साबित हुईं। प्रसिद्ध कृति: उनकी किताब 'डिस्कवरी ऑफ इंडिया' (भारत: एक खोज) भारतीय इतिहास और संस्कृति का अनमोल दस्तावेज है। उद्धरण: "शिक्षा वह दीपक है जो अंधकार को दूर करती है।" – नेहरू...

राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस (National Legal Services Day) भारत में हर वर्ष 9 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन कानूनी न्याय की पहुंच को सभी नागरिकों तक सुलभ बनाने और गरीब, वंचित वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से समर्पित है। आज, 9 नवंबर 2025 को यह दिवस पूरे देश में उत्साहपूर्वक मनाया जा रहा है।

राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस (National Legal Services Day) भारत में हर वर्ष 9 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन कानूनी न्याय की पहुंच को सभी नागरिकों तक सुलभ बनाने और गरीब, वंचित वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से समर्पित है। आज, 9 नवंबर 2025 को यह दिवस पूरे देश में उत्साहपूर्वक मनाया जा रहा है। इतिहास और पृष्ठभूमि यह दिवस विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 (Legal Services Authorities Act, 1987) के पारित होने की याद में मनाया जाता है। यह अधिनियम 9 नवंबर 1995 को प्रभावी हुआ, जिसके तहत राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) की स्थापना हुई। अधिनियम का मुख्य लक्ष्य: आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, महिलाओं, बच्चों, विकलांगों और अन्य हाशिए पर रहने वाले लोगों को निःशुल्क कानूनी सेवाएं उपलब्ध कराना है। महत्व जागरूकता बढ़ाना: नागरिकों को उनके कानूनी अधिकारों, कर्तव्यों और न्यायिक प्रक्रियाओं के बारे में शिक्षित करना। समावेशी न्याय: विवादों के शांतिपूर्ण समाधान को बढ़ावा देना, लंबित मुकदमों को कम करना और एक समान समाज का निर्माण करना। विशेष फोकस: महिला सशक्तिकरण, बाल अधिकार, पर्यावरण ...

वंदे मातरम गीत के 150 वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर भिवंडी के राशन वितरण कार्यालय में विशेष कार्यक्रम

वंदे मातरम गीत के 150 वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर भिवंडी के राशन वितरण कार्यालय में विशेष कार्यक्रम भिवंडी, 7 नवंबर 2025: 'वंदे मातरम' राष्ट्रगीत की रचयिता  बंकिमचंद्र चटर्जी ने 7 नवंबर 1875 को इस अमर गीत की रचना की थी। इस ऐतिहासिक गीत के 150वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर भिवंडी के राशन वितरण कार्यालय में आज एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इससे स्थानीय नागरिकों में देशभक्ति की भावना जागृत हुई। राशन वितरण कार्यालय में कार्यालय अधिकारी श्री रत्नदीप सावंत, श्री अमोल गरकळ श्री वैभव विखंडे, श्री जगजीत पाटिल आदि उपस्थित थे।  वंदे मातरम के इतिहास, स्वतंत्रता संग्राम में इस गीत के योगदान आदि विषयों पर विस्तृत जानकारी श्री संतोष मोरे और कार्यालय के अन्य सदस्यों द्वारा दी गई। 🙏वंदे मातरम गीत के 150 वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर🙏 वन्दे मातरम्। सुजलाम् सुफलाम् मलयजशीतलाम्, शस्यश्याशमलाम् मातरम् । वन्दे मातरम्।। 1|| शुभ्रज्योत्स्ना पुलकितयामिनीम्, फुल्लकुसुमित द्रुमदलशोभिनीम्, सुहासिनीम् सुमधुरभाषिणीम्, सुखदाम् वरदाम् मातरम् । वन्दे मातरम् ।। 2।। कोटि-कोटि कण्ठ कल-कल निनाद कराले, क...

श्री काल भैरव भिवंडी: एक परिचय 12 अक्टूबर 2025

भिवंडी शहर क्षेत्र में.....   श्री काल भैरव भिवंडी: एक परिचय 12 अक्टूबर 2025 भिवंडी, महाराष्ट्र के ठाणे जिले का एक व्यस्त शहर, अपनी औद्योगिक उन्नति के साथ-साथ आध्यात्मिक धरोहरों के लिए भी जाना जाता है। इस शहर के ब्राह्मण आली पोस्ट ऑफिस के बाजू में,क्षेत्र में स्थित श्री काल भैरव मंदिर एक ऐसा पवित्र स्थल है, जो भगवान शिव के उग्र रूप श्री काल भैरव की कृपा का प्रतीक है। यह मंदिर न केवल भक्तों का आस्था केंद्र है, बल्कि भिवंडी की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान का अभिन्न अंग भी है।  आइए, इस मंदिर के इतिहास, महत्व और विशेषताओं पर एक नजर डालें। मंदिर का इतिहास श्री काल भैरव मंदिर की स्थापना लगभग 250 वर्ष पूर्व हुई थी। स्थानीय लोककथाओं के अनुसार, ब्राह्मण आली भिवंडी के क्षेत्र में कभी अजीब घटनाओं, भय और दुर्घटनाओं का साया मंढराता था। लोग इसे नकारात्मक ऊर्जाओं का प्रभाव मानते थे।  सम्मानित डॉ राम भोसले इनके प्रेरणा से भगवान श्री काल भैरव के मंदिर का सन 1999 से 2000 में मंदिर का निर्माण हुआ.तब से लेकर आज तक इस मंदिर में सुबह में 8:30 बजे पूजा होती है और भगवान श्री काल भैरव ...

तुलसी विवाह: महत्व, तिथि और पूजा विधि

 तुलसी विवाह: महत्व, तिथि और पूजा विधि तुलसी विवाह हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसमें पवित्र तुलसी पौधे का भगवान विष्णु (या उनके अवतार शालिग्राम) से विधि-विधान से विवाह कराया जाता है। यह विवाह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है, जो देवउठनी एकादशी के एक दिन बाद आता है। मान्यता है कि तुलसी माता लक्ष्मी का रूप हैं और शालिग्राम भगवान विष्णु के प्रतीक हैं। इस पर्व से दांपत्य जीवन में सुख-शांति आती है, कन्यादान के समान पुण्य प्राप्त होता है, और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। तुलसी विवाह 2025 की तिथि वर्तमान वर्ष 2025 में तुलसी विवाह 2 नवंबर (रविवार) को मनाया जाएगा। यह कार्तिक शुक्ल द्वादशी तिथि के अनुसार निर्धारित है। कुछ परंपराओं में यह 1 नवंबर (देवउठनी एकादशी) से शुरू होकर 3 नवंबर तक विस्तारित हो सकता है, लेकिन मुख्य विवाह 2 नवंबर को ही होता है। शुभ मुहूर्त: सुबह 7:31 बजे से अगले दिन सुबह 5:07 बजे तक। तुलसी विवाह का महत्व आध्यात्मिक महत्व: तुलसी को घर में रखने से विष्णु भक्ति बढ़ती है और नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं। विवाह कराने से वैवाहिक जीवन...