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साहू तेली समाज वेलफेयर सेवा संस्था महाराष्ट्र रजिस्टर प्रदेश महिला अध्यक्षा श्रीमती सुशीला एच गुप्ता जी के मार्गदर्शन मे गणेश विसर्जन के अंतिम दिवस पर संस्था के कार्याध्यक्ष और पदाधिकारी माननीय ओमप्रकाश गुप्ता जी (दाढ़ी (के अगुवाई में

 भाईंदर शहर पश्चिम......  साहू तेली समाज वेलफेयर सेवा संस्था महाराष्ट्र रजिस्टर प्रदेश महिला अध्यक्षा श्रीमती सुशीला एच गुप्ता जी के मार्गदर्शन मे गणेश विसर्जन के अंतिम दिवस पर संस्था के कार्याध्यक्ष और पदाधिकारी माननीय ओमप्रकाश गुप्ता जी (दाढ़ी (के अगुवाई में  संस्था के पदाधिकारी श्री अशोक गुप्ता जी (उपाध्यक्ष) श्री राजेश गुप्ता जी (महामंत्री) तेज तर्रार युवा संतोष गुप्ता जी , समाज सेवक श्री संतोष गुप्ता जी, समाज सेवक श्री संजय (डेरी वाले) समाज सेवक राजमन गुप्ता जी ,  श्रवण कुमार गुप्ता जी,रामनगीना गुप्ता जी, संतोष गुप्ता भाईंदर पूर्व के तन मन और धन के सहयोग से अल्प अहार की व्यवस्था की गई   समाज सेविका महिलाए प्रमिला गुप्ता जी, उर्मिला गुप्ता जी,मधुरमा गुप्ता जी, गीता परदेशी जी और कई महिलाएं और बच्चे अपनी सेवा देने उपस्थित थे  बड़े ही धूमधाम धाम से लगभग पन्द्रह से सत्रह हजार गणेश भक्तो ने शाम ५ बजे से रात ११ बजे तक अल्प अहार प्रसाद के रुप मे ग्रहण किए और संस्था को फलने फूलने का संगठन को और भी मजबूत बनने बनाने हेतू दिल से धन्यवाद दिया है  सभी पदाध...

शिक्षक दिन, भारत में हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है

शिक्षक दिन, भारत में हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है।  Happy Teacher's Day  शिक्षक ही वह दीपक हैं जो अज्ञान के अंधकार को मिटाकर ज्ञान का उजाला फैलाते हैं।  वे सिर्फ किताबों का पाठ नहीं पढ़ाते, बल्कि जीवन जीने की सच्ची राह दिखाते हैं।   हर साल 5 सितंबर को भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महान दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है।  यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारे जीवन की हर सफलता के पीछे किसी न किसी शिक्षक का मार्गदर्शन और आशीर्वाद छिपा होता है। इस खास मौके पर हर कोई अपने गुरुओं को शुभकामनाएं देना चाहता है।   चाहे सोशल मीडिया पर स्टेटस डालना हो, व्हाट्सऐप पर मैसेज भेजना हो या दिल से भावनाएं व्यक्त करनी हों ...   यहां हम आपके लिए लाए हैं  जिन्हें पढ़कर हर शिक्षक का दिल खुश हो जाएगा। 1. गुरु बिना ज्ञान कहां, उसका जीवन सुनसान,गुरु ही हैं जो सिखाते हैं, इंसानियत की पहचान। 2. शिक्षक दिवस है आज, शिक्षक को नमन,उनकी शिक्षा से ही बने, हमारे जीवन में उजाला। 3. शिक्षक वो दीपक है, जो जलता खुद है,और सबको रोशनी देता है, सच...

📚शिक्षक दिवस पर प्रेरक संदेश... शिक्षक केवल पाठ पढ़ाने वाले नहीं, बल्कि जीवन को सही दिशा दिखाने वाले प्रकाशपुंज होते हैं...

 📚📙📘📕📕📘📙📚 *📚शिक्षक दिवस पर प्रेरक संदेश... शिक्षक केवल पाठ पढ़ाने वाले नहीं, बल्कि जीवन को सही दिशा दिखाने वाले प्रकाशपुंज होते हैं...  वे हमें ज्ञान, संस्कार, और अनुशासन प्रदान करके हमारे भविष्य की नींव मजबुत करते हैं, जैसे सुर्य अपने प्रकाश सें अंधकार मिटाता है, वैसे ही शिक्षक अपने मार्गदर्शन सें अज्ञान को दुर करते हैं...   विद्यार्थियों को चाहिए कि वे अपने शिक्षकों का सम्मान करें, उनके बताए आदर्शों को जीवन में उतारें, और ज्ञान को साधना की तरह अपनायें...   सच्चे विद्यार्थी वही हैं, जो शिक्षक की शिक्षा को समाज और राष्ट्र के कल्याण में उपयोग करें, शिक्षक दिवस हमें यह स्मरण कराता है कि शिक्षक और विद्यार्थी का संबंध केवल शिक्षा तक सीमित नहीं, बल्कि जीवन निर्माण का आधार है..* 💞💞💞💞💞💞💞💞 *शिक्षक का सम्मान ही सच्ची साधना है.* 💞💞💞💞💞💞💞💞 *प्रकृती के उपहार आपके घर तक.* 💞💞💞💞💞💞💞💞 शिक्षक दिवस पर सभी शिक्षकों को और विद्यार्थियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं 🙏👇👇👇👇👇👇👇👇👇 🙏          मेरा देश मेरा वतन समाचार    ...

राष्ट्रीय खेल दिवस पर 800 किमी साइकिल यात्रा का भव्य समापन, फिट इंडिया का संदेश देशभर में गूंजा खेलों के दम पर विकसित भारत का संकल्प, मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय खेल महोत्सव इस बार बना फिटनेस का जन आंदोलन

राष्ट्रीय खेल दिवस पर 800 किमी साइकिल यात्रा का भव्य समापन, फिट इंडिया का संदेश देशभर में गूंजा खेलों के दम पर विकसित भारत का संकल्प, मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय खेल महोत्सव इस बार बना फिटनेस का जन आंदोलन नई दिल्ली, 31 अगस्त 2025 : देश मे खेल और फिटनेस को बढ़ावा देने के उद्देश्य से फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पेफी) के द्वारा मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय खेल महोत्सव के अंतर्गत आयोजित 800 किलोमीटर लंबी साइकिल अभियान यात्रा का भव्य समापन रविवार को मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम, नई दिल्ली मे 'राष्ट्रीय खेल दिवस' के उपलक्ष्य में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय खेल महोत्सव के अंतिम दिन केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडावीया जी की उपस्थिति मे हुआ।      800 किलोमीटर लंबी साइकिल अभियान यात्रा जो 24 अगस्त को प्रयागराज से प्रारंभ होकर विभिन्न शहरों और कस्बों में फिटनेस का संदेश फैलाते हुए मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंची। यहाँ इसे लोकप्रिय फिटनेस इवेंट संडे ऑन साइकिल के साथ जोड़ा गया, जिसे फिट इंडिया मूवमेंट के तहत भारतीय खेल प्राधिकरण के तत्वा...

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस प्रत्येक वर्ष 14 अगस्त को भारत में मनाया जाता है। यह दिन 1947 में भारत के विभाजन के दौरान हुए दुखद घटनाओं, हिंसा, विस्थापन और बलिदानों को याद करने के लिए समर्पित है। इसकी शुरुआत 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी, ताकि उस त्रासदी से सीख लेकर सामाजिक सद्भाव, एकता और मानवीय मूल्यों को मजबूत किया जाए।

 विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस प्रत्येक वर्ष 14 अगस्त को भारत में मनाया जाता है। यह दिन 1947 में भारत के विभाजन के दौरान हुए दुखद घटनाओं, हिंसा, विस्थापन और बलिदानों को याद करने के लिए समर्पित है। इसकी शुरुआत 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी, ताकि उस त्रासदी से सीख लेकर सामाजिक सद्भाव, एकता और मानवीय मूल्यों को मजबूत किया जाए।   प्रमुख बिंदु: ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: 1947 में ब्रिटिश भारत का विभाजन दो स्वतंत्र देशों—भारत और पाकिस्तान—में हुआ। यह माउंटबेटन योजना और भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 के तहत हुआ। विभाजन ने इतिहास के सबसे बड़े अनियोजित प्रवास को जन्म दिया, जिसमें लगभग 1.5-2 करोड़ लोग विस्थापित हुए और 10-20 लाख लोग सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए। उद्देश्य: इस दिवस का उद्देश्य पीड़ितों को श्रद्धांजलि देना, नई पीढ़ी को इतिहास के इस दुखद अध्याय से अवगत कराना, सांप्रदायिकता के खतरों से आगाह करना और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना है। घटनाएँ: इस दिन प्रदर्शनियाँ, सेमिनार, और डिजिटल अभियान आयोजित किए जाते हैं। स्कूलों और कॉलेजों में विभाजन से जुड़ी कहानियाँ, तस...

स्वतंत्रता दिवस - 2025 पर गौशालाओं के बेहतर प्रबंधन पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन!

 स्वतंत्रता दिवस - 2025 पर गौशालाओं के बेहतर प्रबंधन पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन!  देश की राजधानी दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में माननीय केंद्रीय राज्य मंत्री - मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी तथा पंचायत राज, प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने “भारत खिलता कमल: कामधेनु पहल” विषय पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया!  गौशाला प्रबंधन में उत्कृष्टता के लिए महर्षि वशिष्ठ गौशाला प्रबंधन एवं अनुसंधान परिषद् द्वारा आयोजित इस सम्मेलन का उद्देश्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए गौशाला प्रबंधन की वर्तमान चुनौतियों और भविष्य की संभावनाओं पर विचार-विमर्श करना था।  इस भव्य सम्मेलन में देश-भर से आए विशेषज्ञों, समाजसेवियों, शिक्षाविदों, जन-प्रतिनिधियों तथा गौ-सेवा के क्षेत्र में कार्यरत विभिन्‍न संगठनों के प्रतिनिधियों ने पूरे जोश और उत्साह के साथ अपनी भागीदारी दर्ज़ करवाई। माननीय मंत्री महोदय, प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने बछिया के जन्म को सुनिश्चित करने के लिए आई.वी.एफ़. तकनीकों पर तत्काल ध्यान देने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया और आर्थिक रूप से सक्षम व्यक्...

9 अगस्त 1942 को भारत में भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement) की शुरुआत हुई थी, जिसे अगस्त क्रांति के नाम से भी जाना जाता है। यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण पड़ाव था।

9 अगस्त 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन, जिसे Quit India Movement के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण पड़ाव था। इसे 8 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी के नेतृत्व में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के बंबई सत्र में शुरू किया गया। इस आंदोलन का मुख्य नारा था "करो या मरो" (Do or Die), जिसे गांधीजी ने दिया था।                     प्रमुख बिंदु: पृष्ठभूमि : द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सरकार ने भारत को बिना सहमति के युद्ध में शामिल किया, जिससे भारतीयों में असंतोष बढ़ा। क्रिप्स मिशन (1942) की विफलता, जिसमें ब्रिटिश सरकार ने भारत को पूर्ण स्वतंत्रता देने से इनकार किया, ने आंदोलन को और प्रेरित किया। भारतीय नेताओं को लग रहा था कि ब्रिटिश शासन अब कमजोर हो चुका है और यह स्वतंत्रता के लिए निर्णायक लड़ाई का समय है। आंदोलन का प्रारंभ: 8 अगस्त 1942 को मुंबई के गोवालिया टैंक मैदान (अब अगस्त क्रांति मैदान) में गांधीजी ने ऐतिहासिक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने "करो या मरो" का आह्वान किया। अगले दिन, 9 अगस्त 1942 को, ब्रिटिश सरकार ने ...