अशोक सिंघल (27 सितंबर 1926 – 17 नवंबर 2015) एक प्रमुख हिंदू राष्ट्रवादी नेता और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष थे। वे राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख प्रणेता के रूप में प्रसिद्ध हुए, जिन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए दशकों तक संघर्ष किया। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था और वे मूल रूप से आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग में डिप्लोमा प्राप्त करने वाले थे, लेकिन धार्मिक-सामाजिक कार्यों में सक्रिय हो गए।
अशोक सिंघल (27 सितंबर 1926 – 17 नवंबर 2015) एक प्रमुख हिंदू राष्ट्रवादी नेता और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष थे। वे राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख प्रणेता के रूप में प्रसिद्ध हुए, जिन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए दशकों तक संघर्ष किया। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था और वे मूल रूप से आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग में डिप्लोमा प्राप्त करने वाले थे, लेकिन धार्मिक-सामाजिक कार्यों में सक्रिय हो गए।
प्रमुख योगदान:
विहिप का नेतृत्व: 1980 से 2015 तक विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रहे, जहां उन्होंने हिंदू एकता, गौ-रक्षा और धार्मिक स्थलों की रक्षा पर जोर दिया।
राम मंदिर आंदोलन: 1990 के दशक में इस आंदोलन को नई दिशा दी, जिसका परिणाम 2024 में राम मंदिर के उद्घाटन के रूप में सामने आया।
अन्य कार्य: उन्होंने हिंदू समाज को संगठित करने के लिए कई अभियान चलाए, जैसे वनवासी कल्याण आश्रम के माध्यम से आदिवासी समुदायों का उत्थान।
आज, 17 नवंबर 2025 को उनकी 10वीं पुण्यतिथि पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। योगी जी ने ट्वीट में कहा, "श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रणेता... उनका सम्पूर्ण जीवन राष्ट्रभक्ति, धर्मनिष्ठा एवं भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार में समर्पित रहा।"
(नोट: एक अन्य अशोक सिंघल असम के बीजेपी नेता और स्वास्थ्य मंत्री हैं, लेकिन संदर्भ से प्रतीत होता है कि प्रश्न विहिप के अशोक सिंघल के बारे में है।)
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