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Showing posts from October, 2025

तुलसी विवाह: महत्व, तिथि और पूजा विधि

 तुलसी विवाह: महत्व, तिथि और पूजा विधि तुलसी विवाह हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसमें पवित्र तुलसी पौधे का भगवान विष्णु (या उनके अवतार शालिग्राम) से विधि-विधान से विवाह कराया जाता है। यह विवाह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है, जो देवउठनी एकादशी के एक दिन बाद आता है। मान्यता है कि तुलसी माता लक्ष्मी का रूप हैं और शालिग्राम भगवान विष्णु के प्रतीक हैं। इस पर्व से दांपत्य जीवन में सुख-शांति आती है, कन्यादान के समान पुण्य प्राप्त होता है, और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। तुलसी विवाह 2025 की तिथि वर्तमान वर्ष 2025 में तुलसी विवाह 2 नवंबर (रविवार) को मनाया जाएगा। यह कार्तिक शुक्ल द्वादशी तिथि के अनुसार निर्धारित है। कुछ परंपराओं में यह 1 नवंबर (देवउठनी एकादशी) से शुरू होकर 3 नवंबर तक विस्तारित हो सकता है, लेकिन मुख्य विवाह 2 नवंबर को ही होता है। शुभ मुहूर्त: सुबह 7:31 बजे से अगले दिन सुबह 5:07 बजे तक। तुलसी विवाह का महत्व आध्यात्मिक महत्व: तुलसी को घर में रखने से विष्णु भक्ति बढ़ती है और नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं। विवाह कराने से वैवाहिक जीवन...

प्रिंटप्रिंट मीडिया की विज्ञापन दरें 26% तक बढ़ाएगी केंद्र सरकार!

प्रिंटप्रिंट मीडिया की विज्ञापन दरें 26% तक बढ़ाएगी केंद्र सरकार! नई दिल्ली: केंद्र सरकार जल्द ही प्रिंट मीडिया के लिए विज्ञापन दरों में 26% की बढ़ोतरी की घोषणा करने जा रही है। यह कदम वर्ष 2019 के बाद पहली बार सरकारी प्रिंट विज्ञापनों की दरों में की जा रही बड़ी बढ़ोतरी होगी। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (I&B Ministry) के सूत्रों के अनुसार, इस निर्णय की औपचारिक अधिसूचना बिहार विधानसभा चुनाव की आचार संहिता समाप्त होने के बाद जारी की जाएगी। नई दरें सेंट्रल ब्यूरो ऑफ कम्युनिकेशन (CBC) के माध्यम से अखबारों को जारी किए जाने वाले सरकारी विज्ञापनों पर लागू होंगी। अधिकारियों का कहना है कि यह फैसला ऐसे समय में लिया जा रहा है जब प्रिंट उद्योग सर्कुलेशन और विज्ञापन दोनों मोर्चों पर दबाव में है। सरकार का उद्देश्य इस बढ़ोतरी के जरिए समाचार संस्थानों में नौकरियों पर मंडरा रहे संकट को कम करना और उद्योग को राहत देना है। सूत्रों के मुताबिक, यह दर वृद्धि विशेष रूप से छोटे और मध्यम अखबारों को राहत देने के लिए है, जो 2022 से दर संशोधन की मांग कर रहे थे। इन प्रकाशनों के लिए सरकारी विज्ञापन त्योहारी और चुन...

गोपाष्टमी: महत्व, कथा और पूजा विधि

  गोपाष्टमी: महत्व, कथा और पूजा विधि नमस्कार! गोपाष्टमी (या गोपाअष्टमी) हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो भगवान श्रीकृष्ण और गौ माता की पूजा को समर्पित है। यह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार गोसेवा, प्रकृति संरक्षण और कृष्ण की लीलाओं का प्रतीक है। आइए विस्तार से जानें। गोपाष्टमी 2025 कब है? तिथि: इस वर्ष गोपाष्टमी 30 अक्टूबर 2025 (गुरुवार) को मनाई जा रही है।87742b अष्टमी तिथि की शुरुआत 29 अक्टूबर सुबह 9:23 बजे हुई थी और समापन 30 अक्टूबर सुबह 10:06 बजे होगा।8da46c आज ही रवि योग का संयोग है, जो पूजा के लिए शुभ है।0614fd गोपाष्टमी का महत्व गोपाष्टमी का विशेष महत्व गौ माता की सेवा और भगवान कृष्ण की गोपाल लीला से जुड़ा है। मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने 8 वर्ष की आयु में पहली बार गौचारण (गायों को चराने) की शुरुआत की।3c7729 यह पर्व गोवर्धन पूजा के सातवें दिन आता है, जब कृष्ण ने इंद्र के प्रकोप से ब्रजवासियों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत उठाया था।1cfac3 गाय को माता का दर्जा देने वाली यह परंपरा प्रकृति संरक्षण, कृतज्ञता और सेवा का संदेश देती है...

जूठन से उत्पन्ना देवी को श्री महाभैरव शिव का वरदान प्राप्त हुआ, की आपकी साधना करने वाला व्यक्ति परमज्ञान को प्राप्त होगा !! ज्ञान के देवता श्री गणपति है और परमज्ञान तभी प्रकटता है जब भीतर का सब अंधेरा परम प्रकाशित ज्ञान के उजाले की ओर ले जाए!! और इस तरह परमज्ञान की ओर ले जाने वाली देवी महामाया को शास्त्रों में तांत्रिक सरस्वती के तौर पे उल्लेखित किया गया।

 जूठन से उत्पन्ना देवी को श्री महाभैरव शिव का वरदान प्राप्त हुआ, की आपकी साधना करने वाला व्यक्ति परमज्ञान को प्राप्त होगा !! ज्ञान के देवता श्री गणपति है और परमज्ञान तभी प्रकटता है जब भीतर का सब अंधेरा परम प्रकाशित ज्ञान के उजाले की ओर ले जाए!! और इस तरह परमज्ञान की ओर ले जाने वाली देवी महामाया को शास्त्रों में तांत्रिक सरस्वती के तौर पे उल्लेखित किया गया।            जो बाद में नवम महाविद्या “श्री मातंगी” की अंगिनी के तौर पे भी शाक्त संप्रदाय में प्रचलित हुई। त्वरित और उच्चकोटि का ज्ञान प्राप्त करने के लिए श्री महाविद्या मातंगी को साधना का वर्णन मंत्रमहोदधि और श्री कालिकापुराण करता है!! वीणा वाद्य को धारण करते हुए देवी श्री सरस्वती और ब्रम्हांड के नाद का समर्थन करती है, वहीं पाश और अंकुश को धारण करते हुए श्री गणपति का प्रतिनिधत्व करती है, हाथ में ईख को धारण करते हुए पौरुष का प्रतिनिधत्व करती हुई और पद्म और अनार को धारण करते हुए ज्ञान के महागर्भ और औषधीय ज्ञान का निरूपण किया गया है।          सब से रोचक बात यह है के श्री मातंगी क...

आज (२५ अक्टूबर २०२५) से छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है। नहाय-खाय के साथ ही यह पावन उत्सव शुरू होता है, जहाँ सुबह-सुबह स्नान कर शुद्ध भोजन ग्रहण किया जाता है। यह चार दिनों का त्योहार है, जो सूर्य देव और छठी माता की पूजा के लिए समर्पित है।

छठ पूजा २०२५: तिथि, महत्व, पूजा विधि और रीति-रिवाज  २५ अक्टूबर २०२५ है, जो छठ पूजा का पहला दिन नहाय-खाय है। छठ पूजा हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और पूर्वी भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। यह सूर्य देव और छठी मां (छठी माईया) को समर्पित चार दिवसीय व्रत-उपवास का पर्व है, जो कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर मनाया जाता है। यह पर्व पर्यावरण, स्वास्थ्य और पारिवारिक सुख-समृद्धि के लिए जाना जाता है। छठ पूजा २०२५ की तिथियां पहला दिन: नहाय-खाय - २५ अक्टूबर (शनिवार) दूसरा दिन: खरना (लोहंडा) - २६ अक्टूबर (रविवार) तीसरा दिन: संध्या अर्घ्य - २७ अक्टूबर (सोमवार) चौथा दिन: उषा अर्घ्य और परण - २८ अक्टूबर (मंगलवार) छठ पूजा का महत्व छठ पूजा का मूल उद्देश्य सूर्य देव की आराधना करना है, जो जीवन का स्रोत माने जाते हैं।  यह पर्व पौराणिक कथाओं से जुड़ा है, जैसे राजा दक्ष की पुत्री सावित्री ने सूर्य की पूजा से पति को अमरता प्राप्त की।  व्रत करने वाली महिलाएं परिवार की लंबी आयु, संतान सुख और समृद्धि की कामना करती हैं।  यह त्योहार शाकाहारी...

ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा को भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद रैंक प्रदान की गई है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने दिल्ली में आयोजित एक समारोह में उन्हें यह सम्मान दिया. नीरज चोपड़ा को उनकी उत्कृष्ट खेल उपलब्धियों और राष्ट्र के प्रति उनकी अनुकरणीय सेवा के लिए यह सम्मान दिया गया है.

 ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा को भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद रैंक प्रदान की गई है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने दिल्ली में आयोजित एक समारोह में उन्हें यह सम्मान दिया. नीरज चोपड़ा को उनकी उत्कृष्ट खेल उपलब्धियों और राष्ट्र के प्रति उनकी अनुकरणीय सेवा के लिए यह सम्मान दिया गया है.  सम्मान: नीरज चोपड़ा को प्रादेशिक सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल का मानद रैंक दिया गया है.  सम्मान देने वाले: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने उन्हें रैंक के प्रतीक चिह्न दिए.  उपलब्धियां: नीरज चोपड़ा ने टोक्यो 2020 ओलंपिक में स्वर्ण पदक और पेरिस 2024 ओलंपिक में रजत पदक जीता है, साथ ही विश्व चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीता है.  अन्य सम्मान: उन्हें पहले भी परम विशिष्ट सेवा मेडल और पद्म श्री से सम्मानित किया जा चुका है.  🙏👇👇👇👇👇👇👇👇👇 🙏         मेरा देश मेरा वतन समाचार                      🙏 पत्र के🙏     ...

बलि प्रतिपदा: महत्व, कथा और उत्सव बलि प्रतिपदा

  बलि प्रतिपदा: महत्व, कथा और उत्सव  बलि प्रतिपदा, जिसे बालिप्रतिपदा या वली प्रतिपदा भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व है।  यह दीपावली के तीसरे दिन, यानी दीपावली के अगले दिन आता है। वर्ष 2025 में यह पर्व 22 अक्टूबर को मनाया गया। इस दिन दैत्यराज बलि की पूजा की जाती है, जो उदारता, त्याग और भक्ति के प्रतीक के रूप में पूजे जाते हैं। यह पर्व विशेष रूप से गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है। महत्व बलि प्रतिपदा का मुख्य महत्व राजा बलि के त्याग और भगवान विष्णु के वामन अवतार से जुड़ा है। यह पर्व हमें सिखाता है कि सच्ची भक्ति और दान से व्यक्ति अमर हो जाता है। राजा बलि को दैत्य होने के बावजूद पूज्यनीय बनाने का वरदान भगवान विष्णु ने ही दिया था। इस दिन पति-पत्नी के बीच प्रेम, विश्वास और समर्पण को मजबूत करने के लिए विशेष रस्में निभाई जाती हैं। महाराष्ट्र में यह भाई दूज जैसा उत्सव है, जहां पत्नी अपने पति की आरती उतारती है, मिठाइयां बांटती है और घर...

गोवर्धन पूजा: महत्व, विधि और 2025 की तिथि

 गोवर्धन पूजा: महत्व, विधि और 2025 की तिथि  गोवर्धन पूजा हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो दीपावली के ठीक अगले दिन मनाया जाता है। यह भगवान श्रीकृष्ण की लीला का स्मरण करता है, जब उन्होंने इंद्र देव के प्रकोप से वृंदावनवासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया था। यह पूजा प्रकृति के प्रति कृतज्ञता और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक है। 2025 में गोवर्धन पूजा की तिथि वर्ष 2025 में गोवर्धन पूजा 22 अक्टूबर (बुधवार) को मनाई गई। यह कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को पड़ता है, जो गुजराती नव वर्ष (बलिप्रतिपदा) के साथ भी संयोगित होता है। चूंकि आज 23 अक्टूबर है, यह त्योहार कल ही संपन्न हुआ होगा। यदि आपने पूजा की हो, तो बधाई! अन्यथा, घर पर सरल विधि से इसे आज भी कर सकते हैं।  महत्व   गोवर्धन पूजा का मुख्य संदेश है कि मानव को प्रकृति और पशुओं के प्रति सम्मान रखना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है, इसलिए इस दिन गायों की विशेष पूजा की जाती है।  यह त्योहार श्रीकृष्ण की विजय का प्रतीक है, जो अहंकार (इंद्र) पर विनम्रता (गोवर्धन...

Happy Diwali Wishes 2025(दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं): दिवाली, जिसे दीपावली भी कहते हैं, भारत के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इसे 'प्रकाश का पर्व' भी कहा जाता है। यह त्योहार मुख्य रूप से अन्धकार पर प्रकाश की विजय, बुराई पर अच्छाई की जीत, और अज्ञान पर ज्ञान की विजय का प्रतीक है

  दीपावली का महत्व (किस लिए मनाई जाती है?) दीपावली, जिसे दीवाली या दीपोत्सव भी कहा जाता है, हिंदू धर्म का सबसे प्रमुख और प्रकाशमय त्योहार है। यह मुख्य रूप से अंधकार पर प्रकाश की, बुराई पर अच्छाई की, और असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। इसका ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व इस प्रकार है: रामायण से जुड़ा: भगवान राम, सीता और लक्ष्मण का 14 वर्ष वनवास के बाद अयोध्यापुरी लौटना। रावण पर विजय के बाद प्रजा ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया, जिससे यह त्योहार शुरू हुआ। लक्ष्मी पूजा: धन की देवी माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है, ताकि घर में समृद्धि और सुख-शांति बनी रहे। अन्य मान्यताएँ: कुछ क्षेत्रों में इसे कृष्ण द्वारा नरकासुर के वध की खुशी में मनाया जाता है, जबकि जैन धर्म में भगवान महावीर का निर्वाण दिवस माना जाता है। सिख धर्म में भी गुरु हरगोबिंद जी की मुक्ति से जोड़ा जाता है। सार्वभौमिक संदेश: यह त्योहार सभी धर्मों के लोगों द्वारा मनाया जाता है, जो एकता, प्रेम और नई शुरुआत का प्रतीक है। दीपावली आमतौर पर कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है (2025 में यह 20 अक्टूबर को पड़ेगी)। दीपावली पर...

आज १८ अक्टूबर २०२५ है, जो इस वर्ष धनतेरस का पावन दिन है। धनतेरस दिवाली के पांच दिनों वाले उत्सव की शुरुआत करता है और यह स्वास्थ्य, धन-समृद्धि तथा सुख-शांति की कामना का प्रतीक है। आइए, विस्तार से जानें।

धनतेरस २०२५: महत्व, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और कथा   आज १८ अक्टूबर २०२५ है, जो इस वर्ष धनतेरस का पावन दिन है। धनतेरस दिवाली के पांच दिनों वाले उत्सव की शुरुआत करता है और यह स्वास्थ्य, धन-समृद्धि तथा सुख-शांति की कामना का प्रतीक है।  आइए, विस्तार से जानें। धनतेरस की तिथि (२०२५) मुख्य तिथि: शनिवार, १८ अक्टूबर २०२५। यह कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: १८ अक्टूबर २०२५, दोपहर १२:१८ बजे। त्रयोदशी तिथि समाप्त: १८ अक्टूबर २०२५, दोपहर १:५१ बजे। शुभ मुहूर्त धनतेरस पर पूजा का विशेष महत्व है। स्थिर लग्न में प्रदोष काल के दौरान लक्ष्मी पूजा करना उत्तम माना जाता है, क्योंकि इससे माता लक्ष्मी घर में स्थायी रूप से वास करती हैं।  प्रदोष काल: शाम ५:४८ बजे से रात ८:१९ बजे तक। वृषभ काल: शाम ७:१५ बजे से रात ९:११ बजे तक। धनतेरस पूजा मुहूर्त: शाम ७:१५ बजे से रात ८:१९ बजे तक। महत्व धनतेरस का अर्थ है 'धन का तेरस'।  यह दिन भगवान धन्वंतरि (आयुर्वेद के देवता), कुबेर (धन के स्वामी), यमराज (मृत्यु के देवता) और माता लक्ष्मी (समृद्धि की देवी) की पूज...

केदारनाथ मंदिर - एक अनसुलझा रहस्य

 केदारनाथ मंदिर - एक अनसुलझा रहस्य  केदारनाथ मंदिर का निर्माण किसने करवाया, इस बारे में कई कहानियां सुनाई जाती हैं। पांडवों से लेकर आदि शंकराचार्य तक। लेकिन हमें उसमें जाना नहीं है। केदारनाथ मंदिर लगभग 8वीं शतक में बनाया गया होगा, ऐसा आज का विज्ञान बताता है। यानी न चाहते हुए भी यह मंदिर कम से कम 1200 वर्षों से अस्तित्व में है। केदारनाथ जहां स्थित है, वह क्षेत्र आज 21वीं शतक में भी बेहद प्रतिकूल है। एक तरफ 22,000 फीट ऊंचा केदारनाथ पर्वत, दूसरी तरफ 21,600 फीट ऊंचा करचकुंड, तो तीसरी तरफ 22,700 फीट का भरतकुंड। ऐसे तीन पर्वतों के बीच से बहने वाली 5 नदियां - मंदाकिनी, मधुगंगा, चीरगंगा, सरस्वती और स्वरंदरी। इनमें से कुछ पुराणों में लिखी गई हैं। इस क्षेत्र में केवल "मंदाकिनी नदी" का ही राज है। सर्दियों में जबरदस्त बर्फ, तो मानसून में जबरदस्त वेग से बहता पानी। इतनी प्रतिकूल जगह पर एक कृति साकार करनी हो, तो कितना गहरा अध्ययन किया गया होगा। "केदारनाथ मंदिर" जो आज खड़ा है, वहां आज भी हम वाहन से नहीं जा सकते। ऐसी जगह पर इसका निर्माण क्यों किया गया होगा? इसके अलावा 100-200 नहीं ब...

रमा एकादशी २०२५: महत्व, तिथि, पराणा समय, पूजा विधि और व्रत कथा

  रमा एकादशी २०२५: महत्व, तिथि, पराणा समय, पूजा विधि और व्रत कथा रमा एकादशी (जिसे रंभा एकादशी या कार्तिक कृष्ण एकादशी भी कहा जाता है) हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है।  यह भगवान विष्णु को समर्पित एक पवित्र व्रत है, जो दीपावली से ठीक चार दिन पहले आता है।  इस व्रत को रखने से भक्तों को सभी प्रकार के पापों, विशेष रूप से ब्रह्महत्या जैसे महापापों से मुक्ति मिलती है। यह व्रत हजारों अश्वमेध यज्ञ के समान फलदायी माना जाता है और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्रदान करता है। कार्तिक मास को भगवान विष्णु और कृष्ण को समर्पित सबसे पवित्र मास माना जाता है, इसलिए इस एकादशी का विशेष महत्व है। २०२५ में रमा एकादशी की तिथि एकादशी तिथि: १६ अक्टूबर २०२५, सुबह १०:३५ बजे से १७ अक्टूबर २०२५, सुबह ११:१२ बजे तक। व्रत मुख्य रूप से शुक्रवार, १७ अक्टूबर २०२५ को रखा गया। आज (१८ अक्टूबर २०२५) द्वादशी तिथि है, इसलिए व्रत का पराणा आज ही किया जा सकता है। पराणा समय पराणा समय: १८ अक्टूबर २०२५, सुबह ०६:२४ बजे से ०८:४१ बजे तक। द्वादशी तिथि समाप्ति: दोपहर १२:१८ बजे। व्रत...

विश्व डाक दिवस (World Post Day) हर वर्ष 9 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिन 1874 में स्विट्जरलैंड के बर्न में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (Universal Postal Union - UPU) की स्थापना की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। 1969 में टोक्यो में आयोजित यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस ने इस दिन को आधिकारिक रूप से घोषित किया था, ताकि डाक सेवाओं की वैश्विक भूमिका को रेखांकित किया जा सके

विश्व डाक दिवस ( World Post Day ) हर वर्ष 9 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिन 1874 में स्विट्जरलैंड के बर्न में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन ( Universal Postal Union - UPU) की स्थापना की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है।  1969 में टोक्यो में आयोजित यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस ने इस दिन को आधिकारिक रूप से घोषित किया था, ताकि डाक सेवाओं की वैश्विक भूमिका को रेखांकित किया जा सके। महत्व यह दिवस डाक प्रणाली की दैनिक जीवन, वैश्विक संचार और वाणिज्य में महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है।  डाक सेवाओं ने दुनिया भर के देशों को जोड़ने में मदद की है, जिससे पत्राचार, पार्सल और अन्य सेवाएं आसान हो गईं।  आज के डिजिटल युग में भी, डाक सेवाएं ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच और समावेशिता सुनिश्चित करती हैं।🙏🙏🙏 विश्व डाक दिवस का इतिहास विश्व डाक दिवस (World Post Day) हर साल 9 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) की स्थापना की वर्षगांठ को चिह्नित करता है। UPU की स्थापना 1874 में स्विट्जरलैंड के बर्न में हुई थी, जिसने अंतरराष्ट्रीय डाक सेवाओं को मानकीकृत करके वैश्विक संचार क्...

07 अक्टूबर का यह गीता उपदेश अत्यंत प्रेरणादायक है। बुद्धिमान व्यक्ति न केवल अपनी सफलताओं से, बल्कि असफलताओं और हर अनुभव से सीखकर आगे बढ़ता है, क्योंकि जीवन की हर घटना एक गुरु के समान है जो हमें मजबूत बनाती है। यह हमें याद दिलाता है कि अज्ञान का सबसे बड़ा शत्रु खुद हमारा अतीत है, यदि हम उससे न सीखें।

 07 अक्टूबर का यह गीता उपदेश अत्यंत प्रेरणादायक है। बुद्धिमान व्यक्ति न केवल अपनी सफलताओं से, बल्कि असफलताओं और हर अनुभव से सीखकर आगे बढ़ता है, क्योंकि जीवन की हर घटना एक गुरु के समान है जो हमें मजबूत बनाती है। यह हमें याद दिलाता है कि अज्ञान का सबसे बड़ा शत्रु खुद हमारा अतीत है, यदि हम उससे न सीखें। श्रीमद् भगवद्गीता हिंदू धर्म का एक प्रमुख ग्रंथ है, जो महाभारत के युद्धक्षेत्र कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेशों का संग्रह है। यह ग्रंथ कर्म, भक्ति, ज्ञान और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालता है, तथा मनुष्य को उसके कर्तव्यों के प्रति समर्पित होने का संदेश देता है। भगवद्गीता के मुख्य उपदेश निम्नलिखित हैं, जो जीवन को सरल और सफल बनाने में सहायक हैं: फल की इच्छा छोड़कर कर्म करें: श्रीकृष्ण कहते हैं कि मनुष्य को फल की चिंता किए बिना निष्काम भाव से कर्म करना चाहिए। जैसा कर्म, वैसा फल मिलता है, इसलिए अच्छे कर्म पर ध्यान केंद्रित करें। स्वयं का आकलन करें: कोई व्यक्ति खुद को दूसरों से बेहतर नहीं जान सकता। अपने गुणों और कमियों को समझकर व्यक्तित्व का निर्माण करे...

"पैरा-स्पोर्ट्स का नया अध्याय – अटल बिहारी वाजपेयी दिव्यांग खेल प्रशिक्षण केंद्र और PEFI ने ऐतिहासिक एमओयू पर हस्ताक्षर किए"

"पैरा-स्पोर्ट्स का नया अध्याय – अटल बिहारी वाजपेयी दिव्यांग खेल प्रशिक्षण केंद्र और PEFI ने ऐतिहासिक एमओयू पर हस्ताक्षर किए" नई दिल्ली.....भारत में पेरा खेलों की उत्कृष्टता और समावेशी खेल संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल की गई है। भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा संचालित अटल बिहारी वाजपेयी दिव्यांग खेल प्रशिक्षण केंद्र (ABVT-CDS), ग्वालियर और फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया (PEFI) के बीच नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण एमओयू (MoU) पर हस्ताक्षर हुए। इस ऐतिहासिक अवसर की गरिमा को और बढ़ाया विभाग के सचिव श्री राजेश अग्रवाल (IAS) की उपस्थिति ने। यह समझौता न केवल संस्थागत सहयोग का प्रतीक है, बल्कि भारत में समावेशी खेलों और पेरा-स्पोर्ट्स को वैश्विक स्तर तक ले जाने की दिशा में एक निर्णायक कदम भी है। इस एमओयू का मुख्य उद्देश्य ABVT-CDS को देश में पेरा-स्पोर्ट्स का एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में स्थापित करना है। इसके अंतर्गत कोचिंग विशेषज्ञता का विकास, शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग को प्रोत्साहन, ख...