भारत में मतदाता (वोटर) के मुख्य अधिकार निम्नलिखित हैं, जो भारतीय संविधान (मुख्य रूप से अनुच्छेद 326) और निर्वाचन आयोग (ECI) के दिशानिर्देशों पर आधारित हैं
भारत में मतदाता (वोटर) के मुख्य अधिकार निम्नलिखित हैं, जो भारतीय संविधान (मुख्य रूप से अनुच्छेद 326) और निर्वाचन आयोग (ECI) के दिशानिर्देशों पर आधारित हैं: मुख्य अधिकार: मतदान का अधिकार (Right to Vote): 18 वर्ष या उससे अधिक आयु का हर भारतीय नागरिक (जो अयोग्य नहीं ठहराया गया हो) लोकसभा, राज्य विधानसभा, स्थानीय निकाय आदि चुनावों में मतदान कर सकता है। यह सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार पर आधारित है, जिसमें जाति, धर्म, लिंग, शिक्षा या आर्थिक स्थिति से कोई भेदभाव नहीं है। मतदाता सूची में पंजीकरण का अधिकार: योग्य नागरिक अपना नाम मतदाता सूची (वोटर लिस्ट) में दर्ज कराने का हकदार है। फॉर्म 6 के माध्यम से नया पंजीकरण, फॉर्म 8 से सुधार या स्थानांतरण कराया जा सकता है। यह एक संवैधानिक अधिकार है। गुप्त मतदान का अधिकार (Secret Ballot): मतदाता का वोट पूरी तरह गोपनीय रहता है। कोई दबाव, भय या प्रभाव के बिना स्वतंत्र रूप से मतदान करने का अधिकार है (अनुच्छेद 21 से जुड़ा)। EVM और VVPAT इसकी गारंटी देते हैं। NOTA का अधिकार (None of the Above): यदि कोई उम्मीदवार पसंद न हो, तो मतदाता NOTA विकल्प चुन सकता है। य...