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देश में कहीं पर भी दर्ज हो FIR, 3 साल में मिलकर रहेगा न्याय... नए अपराधिक कानूनों पर बोले अमित शाह

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जिला प्रशासन गौतमबुद्धनगर एवम भारत सरकार टकसाल नोएडा के द्वारा महिलाओ मे सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम को लेकर लगाये जा रहे मुफ्त वैक्सीन हेतु जागरूकता अभियान का शुभारंभ करते हुए

 जिला प्रशासन गौतमबुद्धनगर एवम भारत सरकार टकसाल नोएडा के द्वारा महिलाओ मे सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम को लेकर लगाये जा रहे मुफ्त वैक्सीन हेतु जागरूकता अभियान का शुभारंभ करते हुए  आज गौतमबुद्धनगर के बादलपुर गांव स्थित आई टी आई परिसर मे सामाजिक संगठन महिला उन्नति संस्था ने टीकाकरण पार्टनर व कैंसर को लेकर कार्य करने वाली संस्था "ब्यूटीफुल टुमारो" के साथ मिलकर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया।  कार्यशाला मे इंदु गोयल, डा. मधु गुप्ता, डा. स्मिता गोयल और रेनूबाला शर्मा आदि वकताओं ने छात्राओं को सर्वाइकल कैंसर के लक्षण कारण और उपचार के बारे मे विस्तार से जानकारी देते हुए सर्वाइकल कैंसर टीकाकरण लगवाने के लिए प्रेरित किया।  महिला उन्नति संस्था की मुख्य संरक्षक इन्दू गोयल ने कहा कि जिला प्रशासन गौतमबुद्धनगर एवम भारत सरकार टकसाल नोएडा द्वारा 9 से 20 वर्ष की उम्र की लड़कियों के लिए सर्वाइकल कैंसर टीकाकरण को मुफ्त लगाये जाने की पहल एक सराहनीय कदम है।  डा. मधु गुप्ता ने छात्राओं से खुद को और परिवार की अन्य महिलाओ को सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित किया।  डा....

बिना इन 4 डिजिटल वेरिफिकेशन के अब नहीं खरीद सकेंगे जमीन – नया कानून लागू

  बिना इन 4 डिजिटल वेरिफिकेशन के अब नहीं खरीद सकेंगे जमीन – नया कानून लागू  New Land Registry Rules – अगर आप भविष्य में जमीन खरीदने की सोच रहे हैं, तो अब आपको कुछ बातों का ध्यान ज़रूर रखना होगा।   क्योंकि 2025 से जमीन से जुड़े नियम पूरी तरह बदलने वाले हैं।  जी हां, सरकार ने 117 साल पुराने प्रॉपर्टी कानून को खत्म करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है और अब जमीन खरीदने-बेचने की प्रक्रिया पहले से काफी ज्यादा पारदर्शी और डिजिटल होने जा रही है। इस बदलाव का मकसद है – भ्रष्टाचार कम करना, फर्जी जमीन डील रोकना, और लोगों को भरोसेमंद प्रॉपर्टी लेन-देन की सुविधा देना। अब चलिए आपको बताते हैं इस पूरे बदलाव की असली कहानी, वो भी एकदम सरल भाषा में। पहले क्या था और अब क्या होगा? अब तक जमीन से जुड़े लेन-देन में ढेर सारे पर्चे, तहसील ऑफिस के चक्कर और काफी असमंजस होता था। लोगों को अक्सर यह पता ही नहीं चलता था कि जमीन वाकई मालिक की है या किसी और की। लेकिन अब ये सब कुछ डिजिटल तरीके से वेरीफाई होगा – और वो भी केवल 4 आसान चरणों में। इससे हर खरीदार को सौ फीसदी यकीन होगा कि वो सही ज़मीन खरीद रहा है औ...

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है, जो उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है। यह दिन योग के महत्व और इसके स्वास्थ्य लाभों को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।

  अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है, जो उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है। यह दिन योग के महत्व और इसके स्वास्थ्य लाभों को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। *अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का इतिहास* - 2014 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। - 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। - पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था। *इस वर्ष की थीम* इस वर्ष की थीम "एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य के लिए योग" है, जो मानव कल्याण और पारिस्थितिक संतुलन के बीच गहन संबंध को रेखांकित करती है। *कार्यक्रम और आयोजन* - देशभर में 100 ऐतिहासिक और 50 सांस्कृतिक स्थलों पर विशेष योग सत्र आयोजित किए गए। - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में भाग लिया। - विभिन्न शहरों में सामूहिक योग सत्र आयोजित किए गए, जिनमें भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन और खजुराहो शामिल हैं। *योग के लाभ*...

सरकर की नई घोषणा अबकी बार जून महीने में दो बार मिलेगा फ्री राशन Free Ration Scheme

    सरकर की नई घोषणा अबकी बार जून महीने में दो बार मिलेगा फ्री राशन Free Ration Scheme केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर लोगों के लिए अनेक प्रकार की जन कल्याणकारी योजनाएं तथा अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं ।  और वर्तमान में सरकार द्वारा राशन कार्ड धारकों को मुक्त में राशन वितरण की घोषणा की गई है।  इसके तहत लोगों को प्रत्येक महीने सरकार द्वारा फ्री में राशन उपलब्ध कराया जाता है राशन में गेहूं एवं चावल इत्यादि उपलब्ध होते हैं तथा उनके पास से किसी भी प्रकार का चार्ज नहीं लिया जाता है  अर्थात बिल्कुल फ्री वितरण होते हैं क्योंकि सरकार द्वारा यह योजना गरीब और जरूरतमंद लोगों तथा आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए लाई गई है।   ताकि उन्हें जीवन यापन करने में थोड़ी सहूलियत मिले। वर्तमान में सरकार द्वारा नई सूचना जारी की गई है  इसमें सरकार ने बताया है कि अबकी बार 3 महीने का राशन एडवांस में दिया जाएगा क्योंकि आने वाले समय में मानसून की अनियमित के कारण राशन वितरण करने में कहीं दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, जिसके चलते आज से 3 महीने का राशन कार्ड फ्र...

अहिल्यादेवी होल्कर की जयंती 31 मई को मनाई जाती है। उनका जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के चौंडी गांव में हुआ था। 2025 में उनकी 300वीं जयंती (त्रिशताब्दी) विशेष रूप से उत्साह के साथ मनाई जा रही है, जिसमें विभिन्न आयोजन, संगोष्ठियाँ और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल

 अहिल्यादेवी होल्कर की जयंती 31 मई को मनाई जाती है। उनका जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के चौंडी गांव में हुआ था। 2025 में उनकी 300वीं जयंती (त्रिशताब्दी) विशेष रूप से उत्साह के साथ मनाई जा रही है, जिसमें विभिन्न आयोजन, संगोष्ठियाँ और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हैं। महारानी अहिल्यादेवी होल्कर मालवा साम्राज्य की शासक थीं, जिन्हें उनके सुशासन, सामाजिक न्याय, धार्मिक सहिष्णुता और सांस्कृतिक योगदान के लिए जाना जाता है।  उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर, सोमनाथ मंदिर सहित देशभर में मंदिरों, घाटों, कुओं और धर्मशालाओं का निर्माण और जीर्णोद्धार करवाया। उनकी प्रजा उन्हें   "लोकमाता" और "पुण्यश्लोक " कहकर सम्मान देती थी।उनके शासनकाल में, उन्होंने मालवा को समृद्ध बनाया, महेश्वर को राजधानी बनाकर वहाँ वस्त्र उद्योग (महेश्वरी साड़ियाँ) को बढ़ावा दिया, और विधवाओं व कमजोर वर्गों के लिए सामाजिक सुधार किए।  वे एक कुशल योद्धा और रणनीतिकार भी थीं, जिन्होंने कई युद्धों में सेना का नेतृत्व किया। 300वीं जयंती समारोह:बीजेपी ने 21 से 31 मई 2025 तक "अहिल्याबाई होल्कर स्मृति...

हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत 30 मई, 1826 को कोलकाता से पंडित जुगल किशोर शुक्ल द्वारा प्रकाशित "उदंत मार्तंड" से हुई, जो भारत का पहला हिंदी समाचार पत्र था। यह साप्ताहिक पत्र था, जो हिंदी और खड़ी बोली में छपता था। हालांकि, आर्थिक तंगी के कारण यह 1827 में बंद हो गया। इसकी स्थापना हिंदी पत्रकारिता दिवस के रूप में मनाई जाती है।1830-1850: अन्य शुरुआती पत्र

 हिंदी पत्रकारिता का इतिहास भारत में स्वतंत्रता संग्राम, सामाजिक जागरूकता और भाषाई अस्मिता के विकास से गहराई से जुड़ा है। इसका प्रारंभ 19वीं सदी में हुआ और समय के साथ यह हिंदी भाषी समाज की आवाज बन गई। नीचे हिंदी पत्रकारिता के इतिहास का संक्षिप्त विवरण दिया गया है :प्रारंभिक चरण (19वीं सदी) :1826: उदंत मार्तंड हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत 30 मई, 1826 को कोलकाता से पंडित जुगल किशोर शुक्ल द्वारा प्रकाशित "उदंत मार्तंड" से हुई, जो भारत का पहला हिंदी समाचार पत्र था।  यह साप्ताहिक पत्र था, जो हिंदी और खड़ी बोली में छपता था। हालांकि, आर्थिक तंगी के कारण यह 1827 में बंद हो गया।  इसकी स्थापना हिंदी पत्रकारिता दिवस के रूप में मनाई जाती है। 1830-1850 : अन्य शुरुआती पत्र इसके बाद  "बनारस अखबार" (1845) और "सुधाकर " जैसे पत्र निकले, जो सामाजिक और धार्मिक सुधारों पर केंद्रित थे। ये पत्र हिंदी को जनसंचार का माध्यम बनाने में महत्वपूर्ण थे। स्वतंत्रता संग्राम और पत्रकारिता (1857-1947):1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम: इस दौरान हिंदी पत्र-पत्रिकाओं ने जनता को एकजुट करने मे...