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आयोग में आज आठ नए सूचना आयुक्तों को पद की शपथ दिलाई गई

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राज्य की 29 महानगरपालिकाओं के लिए 15 जनवरी को मतदान और 16 जनवरी को मतगणना - राज्य निर्वाचन आयुक्त

 राज्य की 29 महानगरपालिकाओं के लिए 15 जनवरी को मतदान और 16 जनवरी को मतगणना - राज्य निर्वाचन आयुक्त मुंबई, दि. 15 दिसंबर 2025 बृहन्मुंबई सहित राज्य की 29 महानगरपालिकाओं की सार्वत्रिक चुनावों के लिए 15 जनवरी 2026 को मतदान होगा; जबकि 16 जनवरी 2026 को मतगणना होगी। बृहन्मुंबई महानगरपालिका की 227 सीटों सहित कुल 2,869 सीटों के लिए यह चुनाव हो रहा है। इन सभी महानगरपालिकाओं के क्षेत्रों में आज से आचार संहिता लागू हो गई है, ऐसा ऐलान राज्य निर्वाचन आयुक्त दिनेश वाघमारे ने आज यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया। यहां के सह्याद्री अतिथि गृह में महानगरपालिका चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा के लिए आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में श्री वाघमारे बोल रहे थे। आयोग के सचिव सुरेश काकानी इस समय उपस्थित थे। श्री वाघमारे ने बताया कि सभी महानगरपालिकाओं की चुनाव प्रक्रिया सर्वोच्च न्यायालय के अंतिम फैसले के अधीन रहते हुए लागू की जा रही है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका चुनाव की अधिसूचना 16 दिसंबर 2025 को जारी होगी। शेष सभी 28 महानगरपालिकाओं की अधिसूचना 18 दिसंबर 2025 को जारी की जाएगी। अधिसूचना जारी करने की प्रक्रिया संबंधित म...

टिटवाला गणपति मंदिर की जानकारी और रहस्य

  टिटवाला गणपति मंदिर की जानकारी और रहस्य महाराष्ट्र के ठाणे जिले में कल्याण तालुका के टिटवाला शहर.....  टिटवाला गणपति मंदिर, जिसे श्री सिद्धिविनायक महागणपति मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, महाराष्ट्र के ठाणे जिले में कल्याण तालुका के टिटवाला शहर में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह भगवान गणेश को समर्पित है और मुंबई से करीब 50-60 किमी दूर है। यह मंदिर अपनी पौराणिक कथाओं, इतिहास और मनोकामनाएं पूरी करने की मान्यता के लिए जाना जाता है। मंदिर का इतिहास और कथा यह स्थान महाभारत काल से जुड़ा माना जाता है। यहां ऋषि कण्व का आश्रम था, जिन्होंने शकुंतला को गोद लिया था। शकुंतला का जन्म और पालन-पोषण यहीं हुआ। कथा के अनुसार, शकुंतला ने राजा दुष्यंत से विवाह किया, लेकिन दुष्यंत ने उन्हें भुला दिया (दुर्वासा ऋषि के श्राप से)। शकुंतला की मनोकामना पूरी करने और उनके वैवाहिक जीवन को जोड़ने के लिए गणेश जी ने सपने में आकर मंदिर बनाने का आदेश दिया। शकुंतला ने अपने पुत्र भरत की मदद से इस मंदिर की स्थापना की। कुछ कथाओं में कहा जाता है कि मंदिर पांडव काल में बना था, जो बाद में नष्ट हो गया। वर्तमान...

सरदार वल्लभभाई पटेल: भारत के लौह पुरुष

 सरदार वल्लभभाई पटेल: भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई झावेरभाई पटेल (31 अक्टूबर 1875 – 15 दिसंबर 1950) भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता, कुशल राजनेता और भारत के प्रथम उप-प्रधानमंत्री तथा गृह मंत्री थे। उन्हें 'लौह पुरुष' (Iron Man of India) और 'अखंड भारत के निर्माता' के नाम से जाना जाता है। उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और नेतृत्व के कारण उन्होंने स्वतंत्रता के बाद 562 रियासतों को भारतीय संघ में मिलाकर भारत को एकजुट बनाया। प्रारंभिक जीवन और शिक्षा जन्म: 31 अक्टूबर 1875, नडियाड (गुजरात) में एक पटidar किसान परिवार में। पिता: झावेरभाई पटेल, माता: लाडबा। उन्होंने स्व-अध्ययन से बैरिस्टर की डिग्री प्राप्त की और लंदन से शिक्षा पूरी की। वापस आकर अहमदाबाद में सफल वकालत की। स्वतंत्रता संग्राम में योगदान महात्मा गांधी से प्रेरित होकर पटेल ने स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भाग लिया: खेड़ा सत्याग्रह (1918): किसानों के कर माफी आंदोलन का नेतृत्व। बारडोली सत्याग्रह (1928): ब्रिटिशों द्वारा बढ़ाए गए लगान के खिलाफ सफल आंदोलन। इसकी सफलता पर महिलाओं ने उन्हें 'सरदार' की उपाधि दी। नम...

भारत में यदि कोई सरकारी कर्मचारी (लोक सेवक) आम नागरिक को जानबूझकर परेशान करता है, जैसे दुर्व्यवहार करता है, काम में अनावश्यक देरी करता है, अपमानित करता है या अपनी शक्ति का दुरुपयोग करता है, तो उसके खिलाफ आपराधिक और विभागीय कार्रवाई दोनों हो सकती है। यह परेशानी की प्रकृति पर निर्भर करता है (जैसे साधारण दुर्व्यवहार, मानसिक प्रताड़ना, यौन उत्पीड़न या रिश्वतखोरी से जुड़ी

 भारत में यदि कोई सरकारी कर्मचारी (लोक सेवक) आम नागरिक को जानबूझकर परेशान करता है, जैसे दुर्व्यवहार करता है, काम में अनावश्यक देरी करता है, अपमानित करता है या अपनी शक्ति का दुरुपयोग करता है, तो उसके खिलाफ आपराधिक और विभागीय कार्रवाई दोनों हो सकती है। यह परेशानी की प्रकृति पर निर्भर करता है (जैसे साधारण दुर्व्यवहार, मानसिक प्रताड़ना, यौन उत्पीड़न या रिश्वतखोरी से जुड़ी)। 1. आपराधिक कार्रवाई (भारतीय दंड संहिता/BNS या अन्य कानूनों के तहत) IPC धारा 166 (अब BNS में समकक्ष): लोक सेवक द्वारा कानून का उल्लंघन करके किसी व्यक्ति को चोट पहुँचाने के इरादे से कार्य करना। उदाहरण: दुर्व्यवहार या अपमान। दंड: 1 वर्ष तक कारावास या जुर्माना या दोनों। IPC धारा 504: जानबूझकर अपमान करके शांति भंग करने की नीयत। दंड: 2 वर्ष तक कारावास या जुर्माना या दोनों। IPC धारा 506: आपराधिक धमकी। दंड: 2 वर्ष तक (साधारण) या 7 वर्ष तक (गंभीर) कारावास। IPC धारा 509: महिला की गरिमा को ठेस पहुँचाना (शब्दों, इशारों से)। दंड: 3 वर्ष तक कारावास और जुर्माना। यदि रिश्वत मांगना या काम न करने से परेशान करना शामिल है, तो Preventio...

वन नेशन वन रेशन कार्ड (ओएनओआरसी)

वन नेशन वन रेशन कार्ड (ओएनओआरसी) वन नेशन वन राशन कार्ड (ONORC) योजना: सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के संपर्क विवरण वन नेशन वन राशन कार्ड (ONORC) योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत लाभार्थियों को देशभर में किसी भी उचित मूल्य की दुकान (FPS) से सब्सिडी वाले अनाज प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करती है। यह योजना सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू है, जिसमें असम हाल ही में शामिल हुआ है। योजना के तहत राशन कार्ड को आधार से सीड करने की आवश्यकता होती है। योजना से संबंधित शिकायतों, जानकारी या सहायता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 14445 उपलब्ध है। इसके अलावा, सामान्य PDS हेल्पलाइन नंबर 1967 है। कुछ राज्यों में अतिरिक्त स्थानीय नंबर भी हैं। नीचे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य संपर्क विवरण दिए गए हैं (मुख्यालय का पता, फोन नंबर और ईमेल जहां उपलब्ध)। ये विवरण आधिकारिक स्रोतों से संकलित हैं। यदि आपको मोबाइल नंबर की आवश्यकता है, तो आधार से लिंक्ड रजिस्टर्ड मोबाइल का उपयोग करें, क्योंकि योजना में...

पुलिस और जनता के बीच का रिश्ता किसी भी देश की सुरक्षा और विकास की नींव होता है। आपने ठीक कहा – पुलिस वाले भी इंसान हैं, त्योहार छोड़कर 24 घंटे ड्यूटी करते हैं, अपनी और परिवार की सुरक्षा की चिंता करते हैं।

  जय हिंद! जय भारत! जय महाराष्ट्र! जय पुलिस पुलिस और जनता के बीच का रिश्ता किसी भी देश की सुरक्षा और विकास की नींव होता है। आपने ठीक कहा – पुलिस वाले भी इंसान हैं, त्योहार छोड़कर 24 घंटे ड्यूटी करते हैं, अपनी और परिवार की सुरक्षा की चिंता करते हैं।    बहुत सही और संवेदनशील मुद्दा उठाया है?   पुलिस और जनता के बीच का रिश्ता किसी भी देश की सुरक्षा और विकास की नींव होता है। आपने ठीक कहा – पुलिस वाले भी इंसान हैं, त्योहार छोड़कर 24 घंटे ड्यूटी करते हैं, अपनी और परिवार की सुरक्षा की चिंता करते हैं।  वहीं, जनता भी कभी-कभी झूठी शिकायतें या केस करके पुलिस को परेशान करती है, और पुलिस के पास दबाव में गलतियां हो जाती हैं। नई भारतीय न्याय संहिता (BNS, 2023) में झूठे सबूत या शिकायतों के लिए सख्त सजाएं हैं, लेकिन समस्या की जड़ गहरी है। पुलिस और जनता को कैसे रहना चाहिए? भारत की तस्वीर तब सही बनेगी जब दोनों पक्ष एक-दूसरे को समझें और सहयोग करें: जनता का व्यवहार: पुलिस को सम्मान दें, जैसे एक परिवार के सदस्य को। झूठी शिकायतें न करें – ये न सिर्फ ईमानदार लोगों को परेशान करती है...