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राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस (National Legal Services Day) भारत में हर वर्ष 9 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन कानूनी न्याय की पहुंच को सभी नागरिकों तक सुलभ बनाने और गरीब, वंचित वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से समर्पित है। आज, 9 नवंबर 2025 को यह दिवस पूरे देश में उत्साहपूर्वक मनाया जा रहा है।

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वंदे मातरम गीत के 150 वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर भिवंडी के राशन वितरण कार्यालय में विशेष कार्यक्रम

वंदे मातरम गीत के 150 वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर भिवंडी के राशन वितरण कार्यालय में विशेष कार्यक्रम भिवंडी, 7 नवंबर 2025: 'वंदे मातरम' राष्ट्रगीत की रचयिता  बंकिमचंद्र चटर्जी ने 7 नवंबर 1875 को इस अमर गीत की रचना की थी। इस ऐतिहासिक गीत के 150वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर भिवंडी के राशन वितरण कार्यालय में आज एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इससे स्थानीय नागरिकों में देशभक्ति की भावना जागृत हुई। राशन वितरण कार्यालय में कार्यालय अधिकारी श्री रत्नदीप सावंत, श्री अमोल गरकळ श्री वैभव विखंडे, श्री जगजीत पाटिल आदि उपस्थित थे।  वंदे मातरम के इतिहास, स्वतंत्रता संग्राम में इस गीत के योगदान आदि विषयों पर विस्तृत जानकारी श्री संतोष मोरे और कार्यालय के अन्य सदस्यों द्वारा दी गई। 🙏वंदे मातरम गीत के 150 वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर🙏 वन्दे मातरम्। सुजलाम् सुफलाम् मलयजशीतलाम्, शस्यश्याशमलाम् मातरम् । वन्दे मातरम्।। 1|| शुभ्रज्योत्स्ना पुलकितयामिनीम्, फुल्लकुसुमित द्रुमदलशोभिनीम्, सुहासिनीम् सुमधुरभाषिणीम्, सुखदाम् वरदाम् मातरम् । वन्दे मातरम् ।। 2।। कोटि-कोटि कण्ठ कल-कल निनाद कराले, क...

श्री काल भैरव भिवंडी: एक परिचय 12 अक्टूबर 2025

भिवंडी शहर क्षेत्र में.....   श्री काल भैरव भिवंडी: एक परिचय 12 अक्टूबर 2025 भिवंडी, महाराष्ट्र के ठाणे जिले का एक व्यस्त शहर, अपनी औद्योगिक उन्नति के साथ-साथ आध्यात्मिक धरोहरों के लिए भी जाना जाता है। इस शहर के ब्राह्मण आली पोस्ट ऑफिस के बाजू में,क्षेत्र में स्थित श्री काल भैरव मंदिर एक ऐसा पवित्र स्थल है, जो भगवान शिव के उग्र रूप श्री काल भैरव की कृपा का प्रतीक है। यह मंदिर न केवल भक्तों का आस्था केंद्र है, बल्कि भिवंडी की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान का अभिन्न अंग भी है।  आइए, इस मंदिर के इतिहास, महत्व और विशेषताओं पर एक नजर डालें। मंदिर का इतिहास श्री काल भैरव मंदिर की स्थापना लगभग 250 वर्ष पूर्व हुई थी। स्थानीय लोककथाओं के अनुसार, ब्राह्मण आली भिवंडी के क्षेत्र में कभी अजीब घटनाओं, भय और दुर्घटनाओं का साया मंढराता था। लोग इसे नकारात्मक ऊर्जाओं का प्रभाव मानते थे।  सम्मानित डॉ राम भोसले इनके प्रेरणा से भगवान श्री काल भैरव के मंदिर का सन 1999 से 2000 में मंदिर का निर्माण हुआ.तब से लेकर आज तक इस मंदिर में सुबह में 8:30 बजे पूजा होती है और भगवान श्री काल भैरव ...

तुलसी विवाह: महत्व, तिथि और पूजा विधि

 तुलसी विवाह: महत्व, तिथि और पूजा विधि तुलसी विवाह हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसमें पवित्र तुलसी पौधे का भगवान विष्णु (या उनके अवतार शालिग्राम) से विधि-विधान से विवाह कराया जाता है। यह विवाह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है, जो देवउठनी एकादशी के एक दिन बाद आता है। मान्यता है कि तुलसी माता लक्ष्मी का रूप हैं और शालिग्राम भगवान विष्णु के प्रतीक हैं। इस पर्व से दांपत्य जीवन में सुख-शांति आती है, कन्यादान के समान पुण्य प्राप्त होता है, और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। तुलसी विवाह 2025 की तिथि वर्तमान वर्ष 2025 में तुलसी विवाह 2 नवंबर (रविवार) को मनाया जाएगा। यह कार्तिक शुक्ल द्वादशी तिथि के अनुसार निर्धारित है। कुछ परंपराओं में यह 1 नवंबर (देवउठनी एकादशी) से शुरू होकर 3 नवंबर तक विस्तारित हो सकता है, लेकिन मुख्य विवाह 2 नवंबर को ही होता है। शुभ मुहूर्त: सुबह 7:31 बजे से अगले दिन सुबह 5:07 बजे तक। तुलसी विवाह का महत्व आध्यात्मिक महत्व: तुलसी को घर में रखने से विष्णु भक्ति बढ़ती है और नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं। विवाह कराने से वैवाहिक जीवन...

प्रिंटप्रिंट मीडिया की विज्ञापन दरें 26% तक बढ़ाएगी केंद्र सरकार!

प्रिंटप्रिंट मीडिया की विज्ञापन दरें 26% तक बढ़ाएगी केंद्र सरकार! नई दिल्ली: केंद्र सरकार जल्द ही प्रिंट मीडिया के लिए विज्ञापन दरों में 26% की बढ़ोतरी की घोषणा करने जा रही है। यह कदम वर्ष 2019 के बाद पहली बार सरकारी प्रिंट विज्ञापनों की दरों में की जा रही बड़ी बढ़ोतरी होगी। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (I&B Ministry) के सूत्रों के अनुसार, इस निर्णय की औपचारिक अधिसूचना बिहार विधानसभा चुनाव की आचार संहिता समाप्त होने के बाद जारी की जाएगी। नई दरें सेंट्रल ब्यूरो ऑफ कम्युनिकेशन (CBC) के माध्यम से अखबारों को जारी किए जाने वाले सरकारी विज्ञापनों पर लागू होंगी। अधिकारियों का कहना है कि यह फैसला ऐसे समय में लिया जा रहा है जब प्रिंट उद्योग सर्कुलेशन और विज्ञापन दोनों मोर्चों पर दबाव में है। सरकार का उद्देश्य इस बढ़ोतरी के जरिए समाचार संस्थानों में नौकरियों पर मंडरा रहे संकट को कम करना और उद्योग को राहत देना है। सूत्रों के मुताबिक, यह दर वृद्धि विशेष रूप से छोटे और मध्यम अखबारों को राहत देने के लिए है, जो 2022 से दर संशोधन की मांग कर रहे थे। इन प्रकाशनों के लिए सरकारी विज्ञापन त्योहारी और चुन...

गोपाष्टमी: महत्व, कथा और पूजा विधि

  गोपाष्टमी: महत्व, कथा और पूजा विधि नमस्कार! गोपाष्टमी (या गोपाअष्टमी) हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो भगवान श्रीकृष्ण और गौ माता की पूजा को समर्पित है। यह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार गोसेवा, प्रकृति संरक्षण और कृष्ण की लीलाओं का प्रतीक है। आइए विस्तार से जानें। गोपाष्टमी 2025 कब है? तिथि: इस वर्ष गोपाष्टमी 30 अक्टूबर 2025 (गुरुवार) को मनाई जा रही है।87742b अष्टमी तिथि की शुरुआत 29 अक्टूबर सुबह 9:23 बजे हुई थी और समापन 30 अक्टूबर सुबह 10:06 बजे होगा।8da46c आज ही रवि योग का संयोग है, जो पूजा के लिए शुभ है।0614fd गोपाष्टमी का महत्व गोपाष्टमी का विशेष महत्व गौ माता की सेवा और भगवान कृष्ण की गोपाल लीला से जुड़ा है। मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने 8 वर्ष की आयु में पहली बार गौचारण (गायों को चराने) की शुरुआत की।3c7729 यह पर्व गोवर्धन पूजा के सातवें दिन आता है, जब कृष्ण ने इंद्र के प्रकोप से ब्रजवासियों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत उठाया था।1cfac3 गाय को माता का दर्जा देने वाली यह परंपरा प्रकृति संरक्षण, कृतज्ञता और सेवा का संदेश देती है...

जूठन से उत्पन्ना देवी को श्री महाभैरव शिव का वरदान प्राप्त हुआ, की आपकी साधना करने वाला व्यक्ति परमज्ञान को प्राप्त होगा !! ज्ञान के देवता श्री गणपति है और परमज्ञान तभी प्रकटता है जब भीतर का सब अंधेरा परम प्रकाशित ज्ञान के उजाले की ओर ले जाए!! और इस तरह परमज्ञान की ओर ले जाने वाली देवी महामाया को शास्त्रों में तांत्रिक सरस्वती के तौर पे उल्लेखित किया गया।

 जूठन से उत्पन्ना देवी को श्री महाभैरव शिव का वरदान प्राप्त हुआ, की आपकी साधना करने वाला व्यक्ति परमज्ञान को प्राप्त होगा !! ज्ञान के देवता श्री गणपति है और परमज्ञान तभी प्रकटता है जब भीतर का सब अंधेरा परम प्रकाशित ज्ञान के उजाले की ओर ले जाए!! और इस तरह परमज्ञान की ओर ले जाने वाली देवी महामाया को शास्त्रों में तांत्रिक सरस्वती के तौर पे उल्लेखित किया गया।            जो बाद में नवम महाविद्या “श्री मातंगी” की अंगिनी के तौर पे भी शाक्त संप्रदाय में प्रचलित हुई। त्वरित और उच्चकोटि का ज्ञान प्राप्त करने के लिए श्री महाविद्या मातंगी को साधना का वर्णन मंत्रमहोदधि और श्री कालिकापुराण करता है!! वीणा वाद्य को धारण करते हुए देवी श्री सरस्वती और ब्रम्हांड के नाद का समर्थन करती है, वहीं पाश और अंकुश को धारण करते हुए श्री गणपति का प्रतिनिधत्व करती है, हाथ में ईख को धारण करते हुए पौरुष का प्रतिनिधत्व करती हुई और पद्म और अनार को धारण करते हुए ज्ञान के महागर्भ और औषधीय ज्ञान का निरूपण किया गया है।          सब से रोचक बात यह है के श्री मातंगी क...