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श्री काल भैरव भिवंडी: एक परिचय 12 अक्टूबर 2025

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तुलसी विवाह: महत्व, तिथि और पूजा विधि

 तुलसी विवाह: महत्व, तिथि और पूजा विधि तुलसी विवाह हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसमें पवित्र तुलसी पौधे का भगवान विष्णु (या उनके अवतार शालिग्राम) से विधि-विधान से विवाह कराया जाता है। यह विवाह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है, जो देवउठनी एकादशी के एक दिन बाद आता है। मान्यता है कि तुलसी माता लक्ष्मी का रूप हैं और शालिग्राम भगवान विष्णु के प्रतीक हैं। इस पर्व से दांपत्य जीवन में सुख-शांति आती है, कन्यादान के समान पुण्य प्राप्त होता है, और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। तुलसी विवाह 2025 की तिथि वर्तमान वर्ष 2025 में तुलसी विवाह 2 नवंबर (रविवार) को मनाया जाएगा। यह कार्तिक शुक्ल द्वादशी तिथि के अनुसार निर्धारित है। कुछ परंपराओं में यह 1 नवंबर (देवउठनी एकादशी) से शुरू होकर 3 नवंबर तक विस्तारित हो सकता है, लेकिन मुख्य विवाह 2 नवंबर को ही होता है। शुभ मुहूर्त: सुबह 7:31 बजे से अगले दिन सुबह 5:07 बजे तक। तुलसी विवाह का महत्व आध्यात्मिक महत्व: तुलसी को घर में रखने से विष्णु भक्ति बढ़ती है और नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं। विवाह कराने से वैवाहिक जीवन...

प्रिंटप्रिंट मीडिया की विज्ञापन दरें 26% तक बढ़ाएगी केंद्र सरकार!

प्रिंटप्रिंट मीडिया की विज्ञापन दरें 26% तक बढ़ाएगी केंद्र सरकार! नई दिल्ली: केंद्र सरकार जल्द ही प्रिंट मीडिया के लिए विज्ञापन दरों में 26% की बढ़ोतरी की घोषणा करने जा रही है। यह कदम वर्ष 2019 के बाद पहली बार सरकारी प्रिंट विज्ञापनों की दरों में की जा रही बड़ी बढ़ोतरी होगी। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (I&B Ministry) के सूत्रों के अनुसार, इस निर्णय की औपचारिक अधिसूचना बिहार विधानसभा चुनाव की आचार संहिता समाप्त होने के बाद जारी की जाएगी। नई दरें सेंट्रल ब्यूरो ऑफ कम्युनिकेशन (CBC) के माध्यम से अखबारों को जारी किए जाने वाले सरकारी विज्ञापनों पर लागू होंगी। अधिकारियों का कहना है कि यह फैसला ऐसे समय में लिया जा रहा है जब प्रिंट उद्योग सर्कुलेशन और विज्ञापन दोनों मोर्चों पर दबाव में है। सरकार का उद्देश्य इस बढ़ोतरी के जरिए समाचार संस्थानों में नौकरियों पर मंडरा रहे संकट को कम करना और उद्योग को राहत देना है। सूत्रों के मुताबिक, यह दर वृद्धि विशेष रूप से छोटे और मध्यम अखबारों को राहत देने के लिए है, जो 2022 से दर संशोधन की मांग कर रहे थे। इन प्रकाशनों के लिए सरकारी विज्ञापन त्योहारी और चुन...

गोपाष्टमी: महत्व, कथा और पूजा विधि

  गोपाष्टमी: महत्व, कथा और पूजा विधि नमस्कार! गोपाष्टमी (या गोपाअष्टमी) हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो भगवान श्रीकृष्ण और गौ माता की पूजा को समर्पित है। यह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार गोसेवा, प्रकृति संरक्षण और कृष्ण की लीलाओं का प्रतीक है। आइए विस्तार से जानें। गोपाष्टमी 2025 कब है? तिथि: इस वर्ष गोपाष्टमी 30 अक्टूबर 2025 (गुरुवार) को मनाई जा रही है।87742b अष्टमी तिथि की शुरुआत 29 अक्टूबर सुबह 9:23 बजे हुई थी और समापन 30 अक्टूबर सुबह 10:06 बजे होगा।8da46c आज ही रवि योग का संयोग है, जो पूजा के लिए शुभ है।0614fd गोपाष्टमी का महत्व गोपाष्टमी का विशेष महत्व गौ माता की सेवा और भगवान कृष्ण की गोपाल लीला से जुड़ा है। मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने 8 वर्ष की आयु में पहली बार गौचारण (गायों को चराने) की शुरुआत की।3c7729 यह पर्व गोवर्धन पूजा के सातवें दिन आता है, जब कृष्ण ने इंद्र के प्रकोप से ब्रजवासियों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत उठाया था।1cfac3 गाय को माता का दर्जा देने वाली यह परंपरा प्रकृति संरक्षण, कृतज्ञता और सेवा का संदेश देती है...

जूठन से उत्पन्ना देवी को श्री महाभैरव शिव का वरदान प्राप्त हुआ, की आपकी साधना करने वाला व्यक्ति परमज्ञान को प्राप्त होगा !! ज्ञान के देवता श्री गणपति है और परमज्ञान तभी प्रकटता है जब भीतर का सब अंधेरा परम प्रकाशित ज्ञान के उजाले की ओर ले जाए!! और इस तरह परमज्ञान की ओर ले जाने वाली देवी महामाया को शास्त्रों में तांत्रिक सरस्वती के तौर पे उल्लेखित किया गया।

 जूठन से उत्पन्ना देवी को श्री महाभैरव शिव का वरदान प्राप्त हुआ, की आपकी साधना करने वाला व्यक्ति परमज्ञान को प्राप्त होगा !! ज्ञान के देवता श्री गणपति है और परमज्ञान तभी प्रकटता है जब भीतर का सब अंधेरा परम प्रकाशित ज्ञान के उजाले की ओर ले जाए!! और इस तरह परमज्ञान की ओर ले जाने वाली देवी महामाया को शास्त्रों में तांत्रिक सरस्वती के तौर पे उल्लेखित किया गया।            जो बाद में नवम महाविद्या “श्री मातंगी” की अंगिनी के तौर पे भी शाक्त संप्रदाय में प्रचलित हुई। त्वरित और उच्चकोटि का ज्ञान प्राप्त करने के लिए श्री महाविद्या मातंगी को साधना का वर्णन मंत्रमहोदधि और श्री कालिकापुराण करता है!! वीणा वाद्य को धारण करते हुए देवी श्री सरस्वती और ब्रम्हांड के नाद का समर्थन करती है, वहीं पाश और अंकुश को धारण करते हुए श्री गणपति का प्रतिनिधत्व करती है, हाथ में ईख को धारण करते हुए पौरुष का प्रतिनिधत्व करती हुई और पद्म और अनार को धारण करते हुए ज्ञान के महागर्भ और औषधीय ज्ञान का निरूपण किया गया है।          सब से रोचक बात यह है के श्री मातंगी क...

आज (२५ अक्टूबर २०२५) से छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है। नहाय-खाय के साथ ही यह पावन उत्सव शुरू होता है, जहाँ सुबह-सुबह स्नान कर शुद्ध भोजन ग्रहण किया जाता है। यह चार दिनों का त्योहार है, जो सूर्य देव और छठी माता की पूजा के लिए समर्पित है।

छठ पूजा २०२५: तिथि, महत्व, पूजा विधि और रीति-रिवाज  २५ अक्टूबर २०२५ है, जो छठ पूजा का पहला दिन नहाय-खाय है। छठ पूजा हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और पूर्वी भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। यह सूर्य देव और छठी मां (छठी माईया) को समर्पित चार दिवसीय व्रत-उपवास का पर्व है, जो कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर मनाया जाता है। यह पर्व पर्यावरण, स्वास्थ्य और पारिवारिक सुख-समृद्धि के लिए जाना जाता है। छठ पूजा २०२५ की तिथियां पहला दिन: नहाय-खाय - २५ अक्टूबर (शनिवार) दूसरा दिन: खरना (लोहंडा) - २६ अक्टूबर (रविवार) तीसरा दिन: संध्या अर्घ्य - २७ अक्टूबर (सोमवार) चौथा दिन: उषा अर्घ्य और परण - २८ अक्टूबर (मंगलवार) छठ पूजा का महत्व छठ पूजा का मूल उद्देश्य सूर्य देव की आराधना करना है, जो जीवन का स्रोत माने जाते हैं।  यह पर्व पौराणिक कथाओं से जुड़ा है, जैसे राजा दक्ष की पुत्री सावित्री ने सूर्य की पूजा से पति को अमरता प्राप्त की।  व्रत करने वाली महिलाएं परिवार की लंबी आयु, संतान सुख और समृद्धि की कामना करती हैं।  यह त्योहार शाकाहारी...

ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा को भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद रैंक प्रदान की गई है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने दिल्ली में आयोजित एक समारोह में उन्हें यह सम्मान दिया. नीरज चोपड़ा को उनकी उत्कृष्ट खेल उपलब्धियों और राष्ट्र के प्रति उनकी अनुकरणीय सेवा के लिए यह सम्मान दिया गया है.

 ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा को भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद रैंक प्रदान की गई है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने दिल्ली में आयोजित एक समारोह में उन्हें यह सम्मान दिया. नीरज चोपड़ा को उनकी उत्कृष्ट खेल उपलब्धियों और राष्ट्र के प्रति उनकी अनुकरणीय सेवा के लिए यह सम्मान दिया गया है.  सम्मान: नीरज चोपड़ा को प्रादेशिक सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल का मानद रैंक दिया गया है.  सम्मान देने वाले: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने उन्हें रैंक के प्रतीक चिह्न दिए.  उपलब्धियां: नीरज चोपड़ा ने टोक्यो 2020 ओलंपिक में स्वर्ण पदक और पेरिस 2024 ओलंपिक में रजत पदक जीता है, साथ ही विश्व चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीता है.  अन्य सम्मान: उन्हें पहले भी परम विशिष्ट सेवा मेडल और पद्म श्री से सम्मानित किया जा चुका है.  🙏👇👇👇👇👇👇👇👇👇 🙏         मेरा देश मेरा वतन समाचार                      🙏 पत्र के🙏     ...