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विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 2025 का महत्व पत्रकारिता की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति के अधिकार को रेखांकित करने में है। यह दिन उन पत्रकारों को सम्मानित करने का अवसर है जिन्होंने सच्चाई के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। इस दिवस का उद्देश्य प्रेस की स्वतंत्रता के मूल सिद्धांतों को सम्मानित करना, वैश्विक स्तर पर मीडिया की स्वतंत्रता की स्थिति की समीक्षा करना और स्वतंत्र पत्रकारिता की रक्षा करना है

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जिला कलेक्टर कार्यालय में मुख्यमंत्री सहायता कोष एवं धर्मादाय अस्पताल राहत प्रकोष्ठ का उद्घाटन जिला कलेक्टर अशोक शिंगारे ने किया

*जिला कलेक्टर कार्यालय में मुख्यमंत्री सहायता कोष एवं धर्मादाय अस्पताल राहत प्रकोष्ठ का उद्घाटन जिला कलेक्टर अशोक शिंगारे ने किया*   ठाणे, दिनांक :- 01 मई 2025:- जिला कलेक्टर कार्यालय के भूतल पर शुरू किए गए मुख्यमंत्री सहायता कोष और चैरिटी अस्पताल हेल्प डेस्क का उद्घाटन आज जिला कलेक्टर अशोक शिंगारे के हाथों हुआ।      इस अवसर पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी रोहन घुगे, अतिरिक्त जिला कलेक्टर हरिश्चंद्र पाटिल, निवासी उप जिला कलेक्टर डॉ. संदीप माने, प्रा. उप कलेक्टर (सामान्य) सचिन चौधरी, तहसीलदार (राजस्व) रेवन लेम्भे, तहसीलदार उमेश पाटिल, प्रदीप कुदाल, उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी (ग्राम पंचायत) प्रमोद काले, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गंगाधर पारगे और मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।       मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने निर्देश दिया था कि राज्य के सभी जिला कलेक्टर कार्यालयों में 'मुख्यमंत्री सहायता कक्ष' शुरू किए जाएं ताकि राज्य में आर्थिक रूप से जरूरतमंद मरीजों को वित्तीय सहायता प्रदान की जा सके। तदनुसार, इस सेल का उद्घाटन आज, 1 मई क...

1 मई को भारत में कामगार दिन (Kamgar Din) या अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस (International Workers' Day) के रूप में मनाया जाता है, जिसे मई दिवस (May Day) भी कहा जाता है। व 1 मई को महाराष्ट्र दिन

  1 मई को भारत में कामगार दिन (Kamgar Din) या अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस (International Workers' Day) के रूप में मनाया जाता है, जिसे मई दिवस (May Day) भी कहा जाता है।  यह दिन श्रमिकों और कामगारों के योगदान, संघर्ष और अधिकारों को सम्मान देने के लिए समर्पित है। कामगार दिन का महत्व:ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: कामगार दिन की शुरुआत 19वीं सदी में अमेरिका में श्रमिक आंदोलन से हुई।  1 मई, 1886 को शिकागो में श्रमिकों ने 8 घंटे के कार्यदिवस की मांग को लेकर हड़ताल की, जो हेयमार्केट अफेयर (Haymarket Affair) के रूप में प्रसिद्ध है।  इस घटना में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें कई लोग मारे गए।  इस आंदोलन ने दुनिया भर में श्रमिक अधिकारों के लिए प्रेरणा दी। भारत में शुरुआत: भारत में पहली बार 1 मई, 1923 को चेन्नई (तब मद्रास) में लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान के नेतृत्व में कामगार दिन मनाया गया।  कॉमरेड सिंगारवेलु चेट्टियार ने इस अवसर पर दो सभाओं का आयोजन किया—एक त्रिप्लिकेन बीच पर और दूसरी मद्रास हाई कोर्ट के सामने। इस दौरान लाल झंडे का पहली बार उपयोग किया गय...

अक्षय तृतीया, जिसे आखा तीज भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है जो वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। यह 2025 में 30 अप्रैल को पड़ रहा है। "अक्षय" का अर्थ है "जो कभी नष्ट न हो," और इस दिन किए गए पुण्य कार्य, दान, और पूजा-पाठ का फल स्थायी माना जाता है।

  अक्षय तृतीया, जिसे आखा तीज भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है जो वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है।  यह 2025 में 30 अप्रैल को पड़ रहा है। "अक्षय" का अर्थ है "जो कभी नष्ट न हो," और इस दिन किए गए पुण्य कार्य, दान, और पूजा-पाठ का फल स्थायी माना जाता है। महत्व: शुभ कार्यों का आरंभ: अक्षय तृतीया को विवाह, गृह प्रवेश, नए व्यवसाय शुरू करने, और सोना-चांदी खरीदने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि इस दिन बिना मुहूर्त देखे कार्य किए जा सकते हैं। धार्मिक महत्व:  इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी, और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। यह त्रेतायुग के प्रारंभ और भगवान परशुराम के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है। दान-पुण्य:  गरीबों को दान देना, अन्न, वस्त्र, और जल दान करना इस दिन विशेष फलदायी माना जाता है। प्रमुख परंपराएँ: पूजा-पाठ: सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा की जाती है। मंत्र जाप और हवन भी किए जाते हैं। सोना-चांदी की खरीदारी: धन-संपदा में वृद्धि के लिए इस दिन आभूषण या कीमती धातुएँ खरीदने की परंपरा है। जौ और गेह...

भगवान परशुराम, हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के छठे अवतार माने जाते हैं। उनकी कथा पुराणों, विशेष रूप से विष्णु पुराण, भागवत पुराण और महाभारत में वर्णित है। यहाँ उनकी कथा का संक्षिप्त और सरल वर्णन है:जन्म और प्रारंभिक जीवनपरशुराम का जन्म त्रेतायुग में हुआ था। वे ऋषि जमदग्नि और उनकी पत्नी रेणुका के पुत्र थे। उनका मूल नाम राम था,

 भगवान परशुराम, हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के छठे अवतार माने जाते हैं। उनकी कथा पुराणों, विशेष रूप से विष्णु पुराण, भागवत पुराण और महाभारत में वर्णित है।  यहाँ उनकी कथा का संक्षिप्त और सरल वर्णन है:जन्म और प्रारंभिक जीवनपरशुराम का जन्म त्रेतायुग में हुआ था। वे ऋषि जमदग्नि और उनकी पत्नी रेणुका के पुत्र थे। उनका मूल नाम राम था,  लेकिन उनके पास परशु (कुल्हाड़ी) होने के कारण उन्हें परशुराम कहा गया। वे ब्राह्मण कुल में जन्मे, परंतु क्षत्रिय जैसा पराक्रम रखते थे।  परशुराम को भगवान शिव से विशेष शिक्षा और परशु प्राप्त हुआ था।माता-पिता के प्रति भक्तिएक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, एक बार उनकी माता रेणुका नदी में स्नान करने गईं और वहाँ गंधर्वराज चित्ररथ को देखकर क्षणिक मोह में पड़ गईं। इससे ऋषि जमदग्नि क्रोधित हुए और उन्होंने परशुराम को अपनी माता का वध करने का आदेश दिया।  परशुराम ने पिता की आज्ञा का पालन करते हुए माता का सिर काट दिया। बाद में, पिता के प्रसन्न होने पर परशुराम ने वरदान माँगा और अपनी माता को पुनर्जनन दिया।क्षत्रियों का संहारपरशुराम की सबसे प्रसिद्ध कथा है क्षत्र...

भारत सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत सभी राशन कार्ड धारकों के लिए ई-केवाईसी (e-KYC) को अनिवार्य कर दिया है।

भारत सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत सभी राशन कार्ड धारकों के लिए ई-केवाईसी (e-KYC) को अनिवार्य कर दिया है।  अंत्योदय एवं प्राथमिकता परिवार के लाभार्थी अब घर बैठे ई-केवाईसी कर सकते हैं! मेरा ई-केवाईसी ऐप महाराष्ट्र सरकार और एनआईसी के सहयोग से लॉन्च किया गया है। इससे लाभार्थियों को वास्तविक दुकान पर जाए बिना घर से ही ई-केवाईसी करने की सुविधा मिलेगी। मुख्य विशेषताएं: - घर बैठे आसानी से ई-कॉमर्स करें। चेहरा प्रमाणीकरण प्रौद्योगिकी के माध्यम से त्वरित सत्यापन। एक रियल एस्टेट दुकानदार या कोई भी अन्य सदस्य ई-केवाईसी कर सकता है। आधार नंबर मोबाइल से लिंक होना चाहिए। मेरा ई-केवाईसी मोबाइल ऐप आधार फेस आरडी सेवा ऐप ई-केवाईसी कैसे करें? (चरण-दर-चरण मार्गदर्शन) 1. आवश्यक ऐप डाउनलोड करें। * प्ले स्टोर से मेरा ई-केवाईसी ऐप और आधार फेस आरडी सेवा ऐप डाउनलोड करें। 2. ऐप इंस्टॉल और सेटअप करें। * दोनों ऐप्स इंस्टॉल करें और आवश्यक अनुमतियां प्रदान करें। मेरा ई-केवाईसी ऐप खोलें * राज्य चुनें: महाराष्ट्र। अपना आधार नंबर दर्ज करें और अपने मोबाइल पर प्राप्त ओटीपी दर्ज करें। * कैप्चर ...

डॉ. भीमराव अंबेडकर, जिन्हें बाबासाहेब अंबेडकर के नाम से भी जाना जाता है

 डॉ. भीमराव अंबेडकर, जिन्हें बाबासाहेब अंबेडकर के नाम से भी जाना जाता है डॉ. भीमराव अंबेडकर, जिन्हें बाबासाहेब अंबेडकर के नाम से भी जाना जाता है, भारत के महान समाज सुधारक, कानूनविद, अर्थशास्त्री, और भारतीय संविधान के प्रमुख रचनाकार थे। उनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था और उनका निधन 6 दिसंबर 1956 को दिल्ली में हुआ।प्रमुख योगदान:भारतीय संविधान का निर्माण: अंबेडकर संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। उन्होंने भारत के संविधान को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो समता, स्वतंत्रता, और न्याय पर आधारित है।  दलित उत्थान: अंबेडकर ने दलितों और वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए अथक संघर्ष किया। उन्होंने छुआछूत, जातिगत भेदभाव, और सामाजिक असमानता के खिलाफ आवाज उठाई।महाड सत्याग्रह (1927): उन्होंने दलितों को सार्वजनिक जलाशय से पानी पीने का अधिकार दिलाने के लिए महाड में आंदोलन किया। बौद्ध धर्म की ओर कदम: 14 अक्टूबर 1956 को अंबेडकर ने हजारों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म ग्रहण किया, क्योंकि वे हिंदू धर्म में व्याप्त जातिगत भेदभाव से मुक्ति चाहते थे।शिक्षा और...