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भिवंडी निजामपूर शहर महानगरपालिका, भिवंडी दिनांक : 15.11.2025 भिवंडी शहरातील नागरिकांच्या सकारात्मक सहकार्यामुळे रस्ता रुंदीकरणचे कामाचा शुभारंभ झाला रस्ता रुंदीकरण व शहराचा विकासकामात सहकार्य करणाऱ्या सर्व नागरिकांचे मनपूर्वक धन्यवाद

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लाला लाजपत राय (जन्म: २८ जनवरी १८६५ – मृत्यु: १७ नवंबर १९२८) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख योद्धा, राजनेता और लेखक थे। उन्हें पंजाब केसरी (पंजाब का शेर) के नाम से जाना जाता है। वे लाल-बाल-पाल तिकड़ी (लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक और बिपिन चंद्र पाल) के प्रमुख सदस्य थे, जिन्होंने स्वदेशी आंदोलन और ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ कड़ा संघर्ष किया।

 लाला लाजपत राय (जन्म: २८ जनवरी १८६५ – मृत्यु: १७ नवंबर १९२८) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख योद्धा, राजनेता और लेखक थे। उन्हें पंजाब केसरी (पंजाब का शेर) के नाम से जाना जाता है। वे लाल-बाल-पाल तिकड़ी (लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक और बिपिन चंद्र पाल) के प्रमुख सदस्य थे, जिन्होंने स्वदेशी आंदोलन और ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ कड़ा संघर्ष किया।  प्रमुख योगदान: स्वतंत्रता आंदोलन में भूमिका: उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और १९०७ के सूरत अधिवेशन में गरम दल के नेता के रूप में उभरे। १९१९ के जलियांवाला बाग हत्याकांड के खिलाफ उन्होंने जोरदार विरोध किया। सामाजिक सुधार: आर्य समाज से जुड़े होने के कारण उन्होंने महिला शिक्षा, विधवा विवाह और दलित उत्थान के लिए कार्य किया। उन्होंने दयानंद एंग्लो-वैदिक (DAV) स्कूलों की स्थापना में योगदान दिया। आर्थिक योगदान: वे पंजाब नैशनल बैंक (PNB) और लक्ष्मी बीमा कंपनी के संस्थापक थे, जो स्वदेशी आंदोलन का हिस्सा थे। साहित्य: उनकी प्रमुख रचनाएँ "उनorganized भारतीय साम्राज्य" और "इंग्लैंड की समस्या" हैं, ...

अशोक सिंघल (27 सितंबर 1926 – 17 नवंबर 2015) एक प्रमुख हिंदू राष्ट्रवादी नेता और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष थे। वे राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख प्रणेता के रूप में प्रसिद्ध हुए, जिन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए दशकों तक संघर्ष किया। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था और वे मूल रूप से आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग में डिप्लोमा प्राप्त करने वाले थे, लेकिन धार्मिक-सामाजिक कार्यों में सक्रिय हो गए।

 अशोक सिंघल (27 सितंबर 1926 – 17 नवंबर 2015) एक प्रमुख हिंदू राष्ट्रवादी नेता और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष थे। वे राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख प्रणेता के रूप में प्रसिद्ध हुए, जिन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए दशकों तक संघर्ष किया। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था और वे मूल रूप से आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग में डिप्लोमा प्राप्त करने वाले थे, लेकिन धार्मिक-सामाजिक कार्यों में सक्रिय हो गए। प्रमुख योगदान: विहिप का नेतृत्व: 1980 से 2015 तक विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रहे, जहां उन्होंने हिंदू एकता, गौ-रक्षा और धार्मिक स्थलों की रक्षा पर जोर दिया। राम मंदिर आंदोलन: 1990 के दशक में इस आंदोलन को नई दिशा दी, जिसका परिणाम 2024 में राम मंदिर के उद्घाटन के रूप में सामने आया। अन्य कार्य: उन्होंने हिंदू समाज को संगठित करने के लिए कई अभियान चलाए, जैसे वनवासी कल्याण आश्रम के माध्यम से आदिवासी समुदायों का उत्थान। आज, 17 नवंबर 2025 को उनकी 10वीं पुण्यतिथि पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी...

१७ नवंबर २०२५ को, शिवसेना के संस्थापक और हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे जी की १३वीं पुण्यतिथि है। उनका निधन १७ नवंबर २०१२ को मुंबई में हृदयाघात से हुआ था। बालासाहेब ठाकरे (जन्म: २३ जनवरी १९२६) एक प्रखर राष्ट्रवादी नेता, कार्टूनिस्ट और वक्ता थे, जिन्होंने १९६६ में शिवसेना की स्थापना की और महाराष्ट्र में मराठी अस्मिता तथा हिंदुत्व की राजनीति को मजबूत आधार दिया

  १७ नवंबर २०२५ को, शिवसेना के संस्थापक और हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे जी की १३वीं पुण्यतिथि है। उनका निधन १७ नवंबर २०१२ को मुंबई में हृदयाघात से हुआ था।   बालासाहेब ठाकरे (जन्म: २३ जनवरी १९२६) एक प्रखर राष्ट्रवादी नेता, कार्टूनिस्ट और वक्ता थे, जिन्होंने १९६६ में शिवसेना की स्थापना की और महाराष्ट्र में मराठी अस्मिता तथा हिंदुत्व की राजनीति को मजबूत आधार दिया। इस अवसर पर मुंबई के शिवाजी पार्क में श्रद्धांजलि सभा की तैयारियां जोरों पर हैं, जहां बड़ी संख्या में समर्थक और नेता एकत्र हो रहे हैं।   दोनों शिवसेना गुटों (उद्धव बालासाहेब ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट) के नेता, जैसे उद्धव ठाकरे, ने उनके समाधि स्थल पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। कुछ रोचक तथ्य: बालासाहेब ने कभी चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन लाखों को प्रभावित किया। वे फ्री प्रेस जर्नल में कार्टूनिस्ट थे और 'सामना' अखबार के संस्थापक। उनकी मृत्यु पर मुंबई में ५ दिनों का राजकीय शोक घोषित हुआ था। बालासाहेब जी के साहस, स्पष्टवादिता और राष्ट्रभक्ति के सिद्धांत आज भी प्रेरणा देते रहेंगे। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! 🙏 🙏👇👇👇👇👇...

पारंपरिक नृत्य शैलियों से आई.आई.टी.एफ़. - 2025 में दिखी वृहद् भारतीय संस्कृतियों की मनमोहक छटा!

 पारंपरिक नृत्य शैलियों से आई.आई.टी.एफ़. - 2025 में दिखी वृहद् भारतीय संस्कृतियों की मनमोहक छटा!  श्रीनाथ दीक्षित, वरिष्ठ संवाददाता, दिल्ली देश की राजधानी दिल्ली के भारत मंडपम में शुभारंभ हो चुका है साल के सबसे प्रतीक्षित और प्रतिष्ठित आयोजन - भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला के 44वें संस्करण का!  यह एक सुनहरा अवसर है जहाँ पर ना केवल देश की ही; बल्कि, अंतर्राष्ट्रीय स्तर की विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं से एक साथ एक ही मंच पर रूबरू हो सकते हैं।  इस भव्य मेले में विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं से आए हुए भागीदार जहाँ एक ओर अपने-अपने शहरों, राज्यों और देशों की अनूठी कलाओं को तो, दर्शाते ही हैं; वहीं दूसरी ओर यहाँ पर आने वाले आगंतुकों के मनोरंजन के लिए इस मेले में प्रतिदिन विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का मंचन भी किया जाता है। इसी कड़ी में फ़ॉउंडेशन फ़ॉर कृष्ण कला एंड एजुकेशन सोसायटी, नोएडा के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत एक भव्य एवं आकर्षक फ़ैशन शो और भारतीय शास्त्रीय लोक संगीत से सजी शानदार प्रस्तुति ने उपस्थित सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।  कलाकारों द्वारा ...

राष्ट्रीय प्रेस दिवस (National Press Day) भारत में हर वर्ष 16 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन भारतीय प्रेस की स्वतंत्रता, निष्पक्षता और जिम्मेदारी को समर्पित है। आज, 16 नवंबर 2025 को, यह दिवस विशेष रूप से प्रासंगिक है, क्योंकि डिजिटल युग में भ्रामक सूचनाओं (मिसइनफॉर्मेशन) का प्रसार तेजी से बढ़ रहा है।

  राष्ट्रीय प्रेस दिवस :   राष्ट्रीय प्रेस दिवस (National Press Day) भारत में हर वर्ष 16 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन भारतीय प्रेस की स्वतंत्रता, निष्पक्षता और जिम्मेदारी को समर्पित है। आज, 16 नवंबर 2025 को, यह दिवस विशेष रूप से प्रासंगिक है, क्योंकि डिजिटल युग में भ्रामक सूचनाओं (मिसइनफॉर्मेशन) का प्रसार तेजी से बढ़ रहा है। इतिहास स्थापना का महत्व: 16 नवंबर 1966 को भारतीय प्रेस परिषद (Press Council of India - PCI) की स्थापना हुई थी। यह परिषद प्रेस की स्वतंत्रता को बनाए रखते हुए नैतिक मानकों का पालन सुनिश्चित करने के लिए एक स्व-नियामक संस्था के रूप में कार्य करती है। उत्पत्ति: ब्रिटिश काल में वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट (1878) जैसे दमनकारी कानूनों के खिलाफ स्वतंत्र प्रेस की लड़ाई से प्रेरित होकर यह दिवस मनाया जाता है। अमृत बाजार पत्रिका जैसे अखबारों ने प्रेस की शक्ति का उदाहरण दिया। महत्व प्रेस को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है। यह दिन पत्रकारों को सच्चाई, पारदर्शिता और जनहित की याद दिलाता है। यह अवसर प्रेस की विश्वसनीयता को मजबूत करने और फेक न्यूज से लड़ने पर जोर देता है। 2...

उत्पन्ना एकादशी 2025: तिथि, महत्व, कथा, पूजा विधि और पारण समय

 उत्पन्ना एकादशी 2025: तिथि, महत्व, कथा, पूजा विधि और पारण समय  उत्पन्ना एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष में मनाया जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और देवी एकादशी के प्राकट्य का प्रतीक है। आइए, 2025 में इसके बारे में विस्तार से जानें। तिथि और शुभ मुहूर्त व्रत की तिथि: 15 नवंबर 2025 (शनिवार) को। एकादशी तिथि 15 नवंबर की रात्रि 12:49 बजे से प्रारंभ होकर 16 नवंबर की रात्रि 2:37 बजे तक रहेगी। चूंकि सूर्योदय के समय एकादशी तिथि विद्यमान रहेगी, इसलिए व्रत 15 नवंबर को ही रखा जाएगा। शुभ मुहूर्त: प्रातःकालीन पूजा के लिए सुबह 5:15 से 7:15 बजे तक का समय शुभ माना जाता है (सामान्य दिशानिर्देश के अनुसार)। पारण समय: व्रत का पारण (उपवास तोड़ना) 16 नवंबर 2025 को दोपहर 1:10 बजे से 3:19 बजे तक किया जा सकता है। इस समय फलाहार या हल्का भोजन ग्रहण करें। महत्व उत्पन्ना एकादशी सभी एकादशियों का जन्मदिन मानी जाती है। इस व्रत को रखने से पापों का नाश होता है, जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह व्रत विशेष रूप से संतान प्राप्ति,...