देशभक्ति के प्रकाश से जगमगाया के.जे. सोमैया कॉलेज का 66वां स्थापना दिवस *ठाणे के जिला माहिती अधिकारी मनोज सानप की 'शहीद कैप्टन विनायक गोरे' एकांकी लघुनाटिका का 5000वां प्रयोग संपन्न, जो 30 वर्षों से प्रेरणा का स्रोत रहा है!*
*देशभक्ति के प्रकाश से जगमगाया के.जे. सोमैया कॉलेज का 66वां स्थापना दिवस!*
*ठाणे के जिला माहिती अधिकारी मनोज सानप की 'शहीद कैप्टन विनायक गोरे' एकांकी लघुनाटिका का 5000वां प्रयोग संपन्न, जो 30 वर्षों से प्रेरणा का स्रोत रहा है!*
*मुंबई,24 सितंबर 2025 :* विद्याविहार स्थित के.जे. सोमैया कला और वाणिज्य महाविद्यालय ने अपना 66वां स्थापना दिवस उत्साह, गौरव और देशभक्ति की भावना के साथ मनाया। इस अवसर पर, पिछले तीन दशकों से छात्रों में देशभक्ति की अलख जगाने वाले ठाणे के जिला माहिती अधिकारी मनोज सानप ने 'शहीद कैप्टन विनायक गोरे' पर आधारित अपनी एकांकी लघुनाटिका का 5000वां प्रयोग प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस छोटे, लेकिन सीधे दर्शकों के दिल को छूने वाले नाट्य प्रयोग के हर संवाद में शौर्य और हर दृश्य में देशभक्ति की सुगंध थी। महाविद्यालय के स्थापना दिवस की खुशी में देशभक्ति की यह अनमोल सीख छात्रों के लिए प्रेरणा का एक प्रवाह बनकर बह रही थी। शौर्य और त्याग के इस संगम में, महाविद्यालय ने एक बार फिर से अपने छात्रों तक अपने संस्कार, इतिहास प्रेम और सामाजिक जिम्मेदारी पहुंचाने का काम साबित किया।
इस अवसर पर, प्राचार्य डॉ. किशन पवार ने डॉ. पवन अग्रवाल, पूर्व छात्र संगठन की निदेशिका, वीरमाता अनुराधा गोरे, और पूर्व प्रधानाध्यापिका सुमन शिवाजी सानप सहित उन पूर्व छात्रों और प्रोफेसरों को विशेष रूप से सम्मानित किया, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। इनमें हिंदी साहित्य के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता और पूर्व प्रोफेसर डॉ. सतीश पांडे, लेफ्टिनेंट कर्नल सतीश कुमार सिंह, जिला माहिती अधिकारी मनोज सुमन शिवाजी सानप, भाजपा महाराष्ट्र प्रदेश की उपाध्यक्ष श्रीमती वर्षा भोसले, और गुलाम हुसैन एम. सय्यद शामिल थे।
इस कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे, जिनमें डीन डॉ. आतिश तौकरी, डॉ. हेमाली संघवी, डॉ. संगीता भट, डॉ. महेंद्र मिश्रा, एनएसएस समिति सदस्य डॉ. अनंत द्विवेदी, पूर्व छात्र संगठन की निदेशक श्रीमती दुर्गा सिन्हा, चार्टर्ड अकाउंटेंट और पूर्व छात्र संगठन के मुख्य समन्वयक नीलेश कुमार अग्रवाल, बी.एल. रुइया स्कूल के उप-प्रधानाध्यापक दिनेश गायकवाड़, डॉ. राजेश कटेसिया, एडवेंचर क्लब के निदेशक बबन पवार, मुंबई विद्यापीठ के पूर्व सीनेट सदस्य और सोशल मीडिया विशेषज्ञ त्रियोगिनारायण पांडे, ब्यूरो चीफ हरिकेश जयसवाल, और बड़ी संख्या में एनसीसी, एनएसएस, मराठी प्रबोधन, कल्चरल फोरम के छात्र, पूर्व छात्र और कॉलेज के कर्मचारी शामिल थे।
*हर संवाद में शौर्य, हर प्रयोग में देशभक्ति - 5000वीं बार जगमगाया इतिहास*
26 सितंबर 1995 को, जम्मू-कश्मीर की सीमा पर, केवल 27 वर्ष की आयु में कैप्टन विनायक गोरे ने अपनी मातृभूमि के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया था। ठीक एक दिन बाद, 27 सितंबर 1995 को, उस समय एनसीसी कैडेट रहे मनोज सानप ने इस एकांकी लघुनाटिका को पहली बार के.जे. सोमैया कॉलेज में प्रस्तुत किया था। 5000वें प्रयोग के दौरान भी यह छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रही।
नाटक का हर संवाद, हर शब्द सीधे दर्शकों के दिल पर असर करता है। इस प्रेरणा से कई युवा सेना में शामिल हुए हैं, जबकि कुछ ने रक्तदान, अंगदान, सैनिकों के परिवारों का सम्मान, ध्वज दिवस निधि संकलन और अन्य सामाजिक कार्यों के माध्यम से देश सेवा करना शुरू किया है।
मनोज सानप ने कभी भी व्यक्तिगत लाभ की तलाश नहीं की, बल्कि केवल देशभक्ति की मशाल को जीवित रखा है। स्थापना दिवस के विशेष समारोह में 5000वां प्रयोग प्रस्तुत होना, कॉलेज द्वारा दिए गए संस्कारों को जीवित रखने का एक अद्भुत उदाहरण बन गया। उपस्थित लोगों की आँखें गर्व और कृतज्ञता के आँसुओं से भर गईं; सबके मन में एक ही भावना थी - हमारे शहीद वीरों को सलाम और उनके इतिहास को जीवित रखने वाले इस कलाकार को भी सलाम!
के.जे. सोमैया कॉलेज का स्थापना दिवस और मनोज सानप के देशभक्तिपूर्ण नाट्य प्रयोग ने मिलकर छात्रों में शौर्य, त्याग और देशभक्ति की ज्वाला को प्रज्वलित किया, जो इस वर्ष के स्थापना दिवस की सबसे बड़ी विशेषता रही।
इस अवसर पर, कॉलेज के पूर्व छात्र और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, प्रसिद्ध वक्ता, शिक्षाविद और लेखक डॉ. पवन अग्रवाल ने अपने कॉलेज के दिनों से लेकर आज तक की अपनी सफल यात्रा के अनुभव साझा कर छात्रों को प्रेरित किया।
वीरमाता अनुराधा गोरे ने मनोज सानप के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि एक कर्तव्यनिष्ठ सरकारी अधिकारी होने के बावजूद, वह पिछले तीस वर्षों से अपनी शासकीय सेवा को बखूबी संभालते हुए 'शहीद कैप्टन विनायक गोरे' की एकांकी नाटिका के प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सोमैया कॉलेज की पहचान भारतीय संस्कृति और संस्कारों को संजोने वाले कॉलेज के रूप में है।
श्री मनोज सानप की माता और पूर्व प्रधानाध्यापिका सुमन शिवाजी सानप ने मनोज के बचपन से लेकर अब तक के सफर को साझा किया। उन्होंने उपस्थित छात्रों को सलाह दी कि सही उम्र में सही चीजों का जुनून पालने और उस पर काम करने से जीवन में सफल होना मुश्किल नहीं है।
प्राचार्य डॉ. किशन पवार ने पूर्व छात्रों से कॉलेज के विकास में योगदान देने की अपील की और श्री सानप से छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के बारे में भी मार्गदर्शन करने का आग्रह किया।
कॉलेज के उप-प्राचार्य डॉ. सत्यवान हनेगावे ने कॉलेज की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की, जबकि पूर्व छात्र संगठन के महासचिव शिजो पॉल ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी।
कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक सिमरन महतानी ने किया। अंत में, डॉ. मीरा वेंकटेश ने आभार व्यक्त किया और राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
🙏👇👇👇👇👇👇👇👇👇 🙏
मेरा देश मेरा वतन समाचार
🙏 पत्र के🙏
संपादक श्री दयाशंकर गुुुप्ता जी
नोट........ 👉🙏
दोस्तों उम्मीद करता हूं कि आप सभी, यह आर्टिकल को अंत तक पढ़े होंगे एवं यह आर्टिकल आपको बेहद पसंद आया होगा, हैं।और अगर लिखने में कोई त्रुटि हुई हो तो क्षमा करें इस के लिए हम आप क्षमा मांगते हैं और हमारे इस आर्टिकल को लाइक करें शेयर करें ? 🙏 जनहित लोकहित के लिए धन्यवाद 🙏
Comments
Post a Comment