देश में कहीं पर भी दर्ज हो FIR, 3 साल में मिलकर रहेगा न्याय... नए अपराधिक कानूनों पर बोले अमित शाह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि तीन नए आपराधिक कानून, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम आने वाले दिनों में आपराधिक न्याय प्रणाली को बदल देंगे। आज इन तीन नए आपराधिक कानूनों के एक वर्ष पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए शाह ने कहा कि इस प्रणाली के पूर्ण कार्यान्वयन में अधिकतम तीन वर्ष लगेंगे। उन्होंने कहा कि भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली के सामने सबसे बड़ी समस्या न्याय प्राप्त करने के लिए समयसीमा का अभाव है। शाह ने कहा कि मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि इसके बाद देश के किसी भी कोने में एफआईआर दर्ज करें, आपको 3 साल के भीतर न्याय मिलेगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा। बीएनएस, बीएनएसएस और बीएसए ने क्रमशः औपनिवेशिक युग की भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली। नए कानून 1 जुलाई, 2024 को लागू हुए। गृह मंत्री ने तीनों कानूनों को स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा सुधार करार दिया और कहा कि ...