बुद्ध पूर्णिमा, जिसे वेसाक या बुद्ध जयंती भी कहते हैं, भगवान गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण (निर्वाण) की स्मृति में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण बौद्ध पर्व है। यह हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो आमतौर पर अप्रैल या मई में पड़ता है। 2025 में, बुद्ध पूर्णिमा 12 मई को मनाई जाएगी।
बुद्ध पूर्णिमा, जिसे वेसाक या बुद्ध जयंती भी कहते हैं, भगवान गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण (निर्वाण) की स्मृति में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण बौद्ध पर्व है। यह हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो आमतौर पर अप्रैल या मई में पड़ता है। 2025 में, बुद्ध पूर्णिमा 12 मई को मनाई जाएगी।
महत्व:जन्म: गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व लुंबिनी (वर्तमान नेपाल) में हुआ था।ज्ञान प्राप्ति: 35 वर्ष की आयु में बोधगया (बिहार, भारत) में पीपल वृक्ष के नीचे उन्हें निर्वाण (ज्ञान) प्राप्त हुआ।महापरिनिर्वाण: 80 वर्ष की आयु में कुशीनगर (उत्तर प्रदेश, भारत) में उनका देहांत हुआ।
उत्सव:बौद्ध अनुयायी: इस दिन बौद्ध मंदिरों में प्रार्थना, ध्यान, सूत्र पाठ और दान-पुण्य किए जाते हैं।दीप प्रज्वलन: मंदिरों और घरों में दीप जलाए जाते हैं, जो ज्ञान और करुणा का प्रतीक हैं।शोभायात्रा: कई स्थानों पर बुद्ध की शिक्षाओं को प्रचारित करने के लिए शोभायात्राएं निकाली जाती हैं।
शाकाहारी भोजन: बुद्ध की अहिंसा की शिक्षा के सम्मान में शाकाहारी भोजन ग्रहण किया जाता है।भारत में:भारत में बुद्ध पूर्णिमा एक राष्ट्रीय अवकाश है।
बोधगया, सारनाथ, कुशीनगर और लुंबिनी जैसे स्थानों पर विशेष आयोजन होते हैं। लोग बुद्ध की शिक्षाओं—अहिंसा, करुणा, और मध्यम मार्ग—को याद करते हैं और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं ?
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