भगवान को दोष क्यों देते हो

 

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       *_✧  भगवान को दोष  ✧_*
           ❁•  *क्यों देते हो*  •❁
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 एक संत एक गाँव से गुजर रहे थे.
   एक खेत में गेंहू के लहलहाते हुए
       पौधे देखकर उन्होंने कहा ~
      भगवान् की कृपा से इस बार
        फसल बहुत अच्छी हुई है.

              खेत के किनारे
     हुक्का गुड़गुड़ाते हुए किसान ने
     यह सुनकर कहा ~ साधु बाबा !
          इसमें भगवान की कृपा
           कहाँ से आ टपकी ?

       मैंने खून पसीना एक कर के
  खेत जोता, बीज बोए, पानी देता रहा.
        मेरे परिश्रम के कारण ही
          खेत लहलहा रहा है.

      किसान की बात सुनकर साधु
     मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गये.


             कुछ दिन बाद ....
        उसी गाँव से लौटते हुए संत
             उसी खेत के पास, 
         एक पेड़ के नीचे बैठ गए.
      उन्होंने देखा कि गेंहू के पौधे
                 झुलसे पड़े है, 
      उनमें कीड़ा भी लग गया था.

        संत को देखते ही किसान
  उनके लिए लोटा भर पानी ले आया.
          संत ने किसान से
   सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा ~
               भैया , बहुत बुरा हुआ.
     हरे-भरे खेतों को क्या हो गया ?

       किसान ने कहा ~ बाबा,
   मुझे भगवान ने कहीं का नहीं छोड़ा,
     कीड़े ने पूरी फसल बर्बाद कर दी.

       यह सुनते ही संत ने कहा ~
                 लेकिन,
   उस दिन तो तुम कह रहे थे, कि
           लहलहाती फसल
     तुम्हारी मेहनत का नतीजा है.
     इसमें भगवान की कृपा नहीं है,
ऐसे में अब फसल की बर्बादी का दोष
       भगवान को क्यों देते हो ?
    अपने प्रारब्ध या प्रकृति का दोष
              क्यों नहीं मानते ?

     किसान को समझ में आ गया कि
       न तो उसका अहंकार ठीक था,
         और ना ही तबाही के लिए
       भगवान को दोष देना उचित है.

        यही हाल हम मनुष्यों का है,
                 कि अगर कोई
   अच्छा काम कर दिया तो हमने किया,
   और हमारे जीवन में कोई बुरा नतीजा
       सामने आया जो हमें दुःख दे,
        जिससे हम दुखी होते हैं तो
               सीधा आरोप
           भगवान को देते हैं कि
       भगवान ये क्या कर दिया ?
ये कौन से जन्म का फल हमें दे रहे हो,
      मैंने आपका क्या बिगाड़ा था ? 

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          मेरा देश मेरा वतन समाचार पत्र 



         संपादक श्री दयाशंकर गुुुप्ता जी


नोट........ 


दोस्तों उम्मीद करता हूं कि आप सभी, यह आर्टिकल को अंत तक पढ़े होंगे एवं यह आर्टिकल आपको बेहद पसंद आया होगा, जिसके लिए आप हमारे इस आर्टिकल को लाइक शेयर व कमेंट जरूर करेंगे । 🙏 जनहित लोकहित के लिए धन्यवाद 🙏

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