आई.आई.टी.एफ़. - 2024 में पाएँ सीतामढ़ी सिक्की आर्ट को देखने का मौक़ा
आई.आई.टी.एफ़. - 2024 में पाएँ सीतामढ़ी सिक्की आर्ट को देखने का मौक़ा
आई.टी.पी.ओ. द्वारा राजधानी दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित किए जा रहे आई.आई.टी.एफ़. - 2024 में आगंतुकों को मिल रहा है देश के विभिन्न राज्यों और प्रदेशों की अनूठी कलाओं से रूबरू होने का एक सुनहरा अवसर! 14 दिनों तक आयोजित हो रहे इस मेले में देश और विदेश से आए प्रतिभागियों द्वारा अपनी-अपनी संस्कृतियों से जुड़ीं अनूठी कला-कृतियाँ प्रस्तुत की जा रहीं हैं।
ऐसे में हॉल नंबर - 6 में बने आई.टी.पी.ओ. के मीडिया लॉउन्ज में बराबर में ही आपको देखने को मिल जाएगा ज्योत्सना क्रिएशंस सिक्की आर्ट के नाम से यह एक छोटा-सा स्टॉल! देखने में भले ही यह एक छोटा-सा स्टॉल ही लगेगा; लेकिन इसके अंदर बैठीं आर्टिस्ट - ज्योत्सना और उनके द्वारा तैयार की गईं कला-कृतियाँ आपको मंत्रमुग्ध कर देने के लिए काफ़ी हैं।
यहाँ पर आने वाले आगंतुकों के लिए देखने में यह कला-कृतियाँ भले ही एक नॉर्मल-सी पेंटिंग्स की तरह ही दिखेंगी; लेकिन, इन मनमोहक कला-कृतियों को तैयार करने के पीछे लगने वाली मेहनत और हुनर को जानकर आप अपने दाँतों-तले अँगुलियाँ दबाकर रह जाएँगे!
कुल 42 साल की उम्र में दिल्ली के द्वारका, सैक्टर - 13 में रहने वालीं बिहार के सीतामढ़ी के राजेंद्र नगर की मेला रोड में पलीं-बढ़ीं ज्योत्सना की इन ख़ूबसूरत कला-कृतियों की छटा देखते ही बनती है। यह कला-कृतियाँ सीतामढ़ी सिक्की घास आर्ट / कला के नाम से जानी जाती हैं, जिन्हें सिक्की घास की मदद से तैयार किया जाता है।
अपनी इस अनूठी कला के लिए ज्योत्सना को दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली स्टेट अवॉर्ड - 2014 से भी नवाज़ा जा चुका है। ज्योत्स्ना अपने जीवन के 32 साल से इस कला में अपने आपको पारंगत कर रहीं हैं। यह अपने परिवार की 5वीं पीढ़ी हैं, जो इस प्राचीन और पारंपरिक कला को जीवित रखने की भरपूर कोशिश कर रहीं हैं। ज्योत्सना बतातीं हैं कि एक बड़े पीस को तैयार करने में तक़रीबन 1 महीना लगता है, वहीं दूसरी ओर एक छोटे पीस को तैयार करने में उन्हें सिर्फ़ 2 से 3 दिन का ही समय लगता है।
ज्योत्सना के द्वारा बनाईं गईं इन कला-कृतियों में से एक कला-कृति को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए भी चयनित किया गया है।
तो, फिर देर किस बात की? आप भी आइए आई.आई.टी.एफ़. - 2024 और हौंसला बढ़ाइए ज्योत्सना जैसे और भी हुनरमंद हुनरबाज़ों का!
दिल्ली से ......
*श्रीनाथ दीक्षित, दिल्ली*🙏
के कलम से बहुत-बहुत धन्यवाद
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देश मेरा वतन समाचार पत्र
संपादक श्री दयाशंकर गुुुप्ता जी
नोट........
दोस्तों उम्मीद करता हूं कि आप सभी, यह आर्टिकल को अंत तक पढ़े होंगे एवं यह आर्टिकल आपको बेहद पसंद आया होगा, जिसके लिए आप हमारे इस आर्टिकल को लाइक शेयर व कमेंट जरूर करेंगे । 🙏 जनहित लोकहित के लिए धन्यवाद 🙏
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