ये तो हद हो गई, आपकी हिम्मत कैसे हुई... सुप्रीम कोर्ट ने राशन कार्ड को लेकर लगाई किन राज्यों को फटकार, बिहार की तारीफ
सुप्रीम कोर्ट ने राशन कार्ड को लेकर लगाई किन राज्यों को फटकार,
ये तो हद हो गई, आपकी हिम्मत कैसे हुई... सुप्रीम कोर्ट ने राशन कार्ड को लेकर लगाई किन राज्यों को फटकार, बिहार की तारीफ
प्रवासी मजदूरों को राशन नहीं मिलने पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को कड़ी फटकार लगाई. यहां तक कह डाला कि अब तो हद हो गई. आपकी हिम्मत कैसे हुई. हालांकि, अदालत ने बिहार और तेलंगाना की तारीफ की.
नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद कई बार राज्य सरकारें लापरवाही बरतती हैं और उसका खामियाजा लोगों को उठाना पड़ता है. इस बार भी कुछ ऐसा हुआ. सर्वोच्च अदालत ने देश के सभी राज्यों को ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्टर प्रवासी मजदूरों के सत्यापन का आदेश दिया था, ताकि उन्हें राशन कार्ड जारी किए जा सकें. इसके लिए बकायदा समय दिया गया था. लेकिन राज्य एक बार फिर मुंह लटकाए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए, और वक्त देने की मांग की. इस पर अदालत ने कड़ी फटकार लगाई.
जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने श्रमिकों के सत्यापन पर देरी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. अदालत ने कहा, ” सत्यापन चार महीने में क्यों पूरा नहीं हो सका? ये तो हद हो गई. चार महीने बाद भी आप यह कर रहे हैं और यह कहने की हिम्मत कर रहे हैं कि इसके लिए और दो महीने चाहिए…हम निर्देश देते हैं कि पूरा सत्यापन चार हफ्ते में पूरा किया जाए. अगर इसके बाद भी तय समय सीमा के अंदर सत्यापन पूरा नहीं होता, तो सभी सचिवों को तलब करेंगे. ’’
बिहार और तेलंगाना की तारीफशीर्ष अदालत ने इस मौके पर बिहार और तेलंगाना की तारीफ की. पीठ ने कहा, बिहार और तेलंगाना ही ऐसे राज्य हैं जिन्होंने प्रवासी मजदूरों का 100 प्रतिशत सत्यापन पूरा कर लिया है. शीर्ष अदालत ने केंद्र को इन राज्यों को खाद्यान्न जारी करने का निर्देश दिया. याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि कुछ राज्यों ने सत्यापन की प्रक्रिया पूरी कर ली है, लेकिन ज्यादातर राज्य ये काम नहीं कर पाए हैं. इससे लोगों को राशन नहीं मिल पा रहा है.
…तो हम इन्हें राशन कहां से बांट देंप्रशांत भूषण ने कहा, एक और मुद्दा है. राशन कार्ड जारी होने के बाद भी ये राज्य इन श्रमिकों को राशन जारी नहीं कर रहे हैं. इन राज्यों का कहना है कि केंद्र सरकार अतिरिक्त राशन ही नहीं दे रहा है, तो हम इन्हें राशन कहां से बांट दें. इस पर सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार को आदेश दिया कि, जो भी राज्य सत्यापन का काम पूरा कर लें, उन्हें तुरंत राशन मुहैया कराया जाए. शीर्ष अदालत ने इससे पहले सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया था कि वे सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने के लिए ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत लगभग आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों को दो महीने के भीतर राशन कार्ड उपलब्ध कराएं. शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त के लिए सूचीबद्ध कर दी है. ?
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देश मेरा वतन समाचार पत्र
संपादक श्री दयाशंकर गुुुप्ता जी
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