Skip to main content

*भगवान जगन्नाथ और कर्मा बाई की कथा क्या है भगवान जगन्नाथ को खिचड़ी का भोग लगाने की वजह जब भगवान जगन्नाथ स्वयं माँ कर्मा बाई के घर पहुँच गए*

 साहू समाज की अराध्य, माँ कर्मा भक्तिन माँ संंतशिरोमणि, *श्री जगन्नाथ भगवान* को स्वयं अपने हाथों से खिचड़ी  खिलाने वाली भक्तवत्सल माता * मां कर्माबाई जी* के जीवन पर आधारित धार्मिक फिल्म *"मेरी माँ कर्मा"* का निर्माण श्री डी. एन. साहू (निर्माता) एवं श्री यू. के. साहू (सह-निर्माता) द्वारा किया जा रहा है। 


फिल्म *"मेरी माँ कर्मा"* के राष्ट्रीय स्टार प्रचारक, महाराष्ट्र प्रभारी एवं *भारतीय तेली साहू समाज* के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नरेंद्र नवल तेली द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार भगवान श्री जगन्नाथ की अनन्य भक्त माँ कर्माबाई के जीवन एवं कर्म योग पर आधारित प्रथम फिल्म का निर्माण हो रहा है जो 5 अप्रैल 2024 से संपूर्ण भारत के सभी सिनेमाघरों में प्रसारित होने जा रही है। 


  श्री नरेंद्र नवल तेली जी ने बताया कि उन्होंने संकल्प लिया है कि फिल्म के प्रचार-प्रसार के लिए स्वयं समाज के चुनिंदा और निस्वार्थ भाव से कार्य करने वाले सामाजिक सदस्यों की टीम बनाकर जन-जन तक फिल्म *मेरी माँ कर्मा* को देखने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरुक  करेंगे , साथ में  समाज के लोग और उनके सहयोगी साथ में कम से कदम मिलाकर चल रहे हैं और *मेरी मां कर्मा* फिल्म की प्रचार प्रसार कर रहे हैं ? 🙏



कथा (1) ...... 

              🙏»पौराणिक कथाएं» 🙏

🍁भगवान जगन्नाथ और कर्मा बाई की कथा🍁

क्या है भगवान जगन्नाथ को खिचड़ी का भोग लगाने की वजह 

जब भगवान जगन्नाथ स्वयं माँ कर्मा बाई के घर पहुँच गए

जब महात्मा की बातों में आ गईं माँ कर्मा बाई

महात्मा को हुआ अपनी गलती का अफसोस

कर्मा बाई का निधन और खिचड़ी की परंपरा

भगवान जगन्नाथ और कर्मा बाई की कथा 

हर भक्त भगवान को अपना सर्वस्व अर्पित करने को तैयार रहते है। हम और आप ऐसे कई मंदिरों को जानते हैं जहां भक्त खुले हाथों से भगवान के चरणों में लाखों-करोड़ों रुपये अर्पित करते हैं लेकिन क्या आपने कभी ऐसा सोचा है कि सनातन धर्म के चार धामों में से एक जगन्नाथ पुरी में भगवान जगन्नाथ को खिचड़ी का ही भोग क्यों लगाया जाता है। यहां भगवान जगन्नाथ को तो 56 भोग भी तो लगाए जा सकते है  लेकिन क्या है भगवान जगन्नाथ को खिचड़ी का भोग लगाने की वजह 🙏


बहुत पहले भगवान जगन्नाथ की एक अनन्य भक्त हुआ करती थी, माँ कर्मा बाई एक वृद्ध महिला थी लेकिन वह हर रोज भगवान जगन्नाथ को भोग लगाना कभी नहीं भूलती थीं। एक बार कर्मा बाई की इच्छा हुई कि भगवान जगन्नाथ को अपने हाथों से कुछ बनाकर भोग लगाया जाये लेकिन उन्हें मन में शंका थी कि क्या भगवान को यह पसंद आएगा या नहीं। ऐसे में उन्होंने अपने मन की इच्छा भगवान को बताई।

जब भगवान जगन्नाथ स्वयं कर्मा बाई के घर पहुँचे गऐ तो

 भक्तिन कर्मा बाई की इच्छा सुनकर भगवान जगन्नाथ स्वयं उनके घर आ गए और कर्मा बाई से कहा कि उन्हें बहुत तेज भूख लगी है और वे उन्हें कुछ बना कर खिलाये। कर्मा बाई ने झटपट में बनने वाली चीज खिचड़ी बनाई। 

भगवान जगन्नाथ को खिचड़ी परोस कर उन्हें पंखा डोलाने लगी। भगवान जगन्नाथ ने बड़े चाव से खिचड़ी खाई और कर्मा बाई से कहा कि उन्हें खिचड़ी बहुत पसंद आई है और अब मैं रोज कर्मा बाई के यहां खिचड़ी खाने आया करूँगा  कर्मा बाई प्रभु की बात सुनकर बेहद प्रसन्न हुईं।


फिर ये कर्मा बाई के दिनचर्या का हिस्सा हो गयी। वे रोज सुबह उठती और सबसे पहले भगवान के लिए खिचड़ी बनाती थी। भगवान आते, खिचड़ी खाते

 और मंदिर का दरवाजा  खुलने से पहले-पहले मंदिर वापस चले जाते। ?🙏


कथा (2) ........ 

जब महात्मा की बातों में आ गईं कर्मा बाई

एक दिन कर्मा बाई जब सुबह सुबह खिचड़ी बना रही थी तब उसके दरवाजे पर एक महात्मा आए और उन्होंने कर्मा बाई को बिना स्नान किए और बिना रसोई साफ किए खाना बनाते देखा तो उसे समझाया कि ऐसा करना गलत है। इस पर कर्मा बाई ने उस महात्मा को बताया कि वह तो प्रभु के लिए भोग तैयार कर रही हैं। इस पर उस महात्मा ने उन्हें कहा कि फिर तो कर्मा बाई को और भी साफ-सफाई और नियमों का पालन कर भोजन तैयार करना चाहिए।

कर्मा बाई के मन में महात्मा की बातें घर कर गयी। अगले दिन जब भगवान जगन्नाथ आए तो उन्हें खिचड़ी खाने के लिए इंतज़ार करना पड़ा क्योंकि कर्मा बाई स्नान करने और रसोई की साफ-सफाई करने में व्यस्त हो गयी थी। उधर मंदिर के दरवाजा खुलने का समय हो चला था। ऐसे में भगवान जगन्नाथ ने तेजी से खिचड़ी खाई और बिना मुंह धोये मंदिर में लौट आए। ऐसे में जब मंदिर के पुजारी ने दरवाजा खोला तो उसने भगवान के मुँह पर खिचड़ी लगी पायी। उस पुजारी ने भगवान से इसकी वजह जानने की कोशिश की तो भगवान जगन्नाथ ने उसे सारी बात बताई और उससे कहा कि जाकर उस महात्मा को समझाये कि भगवान सिर्फ भक्ति भाव के भूखे होते हैं।

महात्मा को हुआ अपनी गलती का अफसोस

जब महात्मा को यह बात पता चली तो उसे अपने किए का बहुत अफसोस हुआ और वे भागे-भागे कर्मा बाई के पास पहुंचे। महात्मा ने कर्मा बाई से माफी मांगी और उनसे कहा कि वे जैसे भी भगवान को भोग लगाना चाहती हैं, वैसे ही भगवान को भोग लगाएं। उन्होंने आगे कर्मा बाई से कहा कि आस्था और श्रद्धा से बढ़ कर भगवान को कुछ नहीं चाहिए होता है। ?🙏


कथा (3) ........ 

कर्मा बाई का निधन और खिचड़ी की परंपरा

एक दिन जब पुजारी ने मंदिर का दरवाजा खोला तो उसने देखा कि भगवान जगन्नाथ की आँखों से आँसू बह रहे हैं। उसने भगवान से इसकी वजह पूछी तो भगवान जगन्नाथ ने बताया कि कर्मा बाई का देहांत हो गया है और उन्हें माँ और उनके हाथों से बनी स्नेह से भरपूर खिचड़ी की याद आ रही है। तब पुजारी ने भगवान से कहा कि अब वे उनके लिए रोज खिचड़ी बनाएंगे और भगवान को कभी भी माँ कर्मा बाई की कमी महसूस नहीं होने देंगे। इस के बाद से ही भगवान जगन्नाथ के लिए हर रोज खिचड़ी बनाई जाती है और उन्हें इसका भोग लगाया जाता है ? 🙏

🙏👇👇👇👇👇👇👇👇👇🙏

           देश मेरा वतन समाचार पत्र 

         संपादक श्री दयाशंकर गुुुप्ता जी 

पॉपकॉर्न फिल्म मेरी माँ कर्मा प्रचार प्रसार



नोट................ 🙏🍁🖊🍁🙏
और सभी से निवेदन है कि बहुत सारी संख्या में नजदीकी सिनेमाघर में जाकर इस पिक्चर को देखें और मां कर्मा की गाथा को जाने समझे और सभी जनों में प्रचार प्रसार करें *मेरा देश मेरा वतन समाचार श्री दयाशंकर गुप्ता जी* की तरफ से अगर कोई लिखने में या कोई भूल चूक हो तो उसे क्षमा करें धन्यवाद जय हिंद जय भारत जय महाराष्ट्र

Comments

Popular posts from this blog

हाइब्रिड टेक्नोलॉजी फ़ॉर एन्हान्सिंग क्रॉप प्रॉडक्टिविटी नामक विषय पर तीन दिवसीस नैशनल सिम्पोज़ियम (संगोष्ठी) का आयोजन

 हाइब्रिड टेक्नोलॉजी फ़ॉर एन्हान्सिंग क्रॉप प्रॉडक्टिविटी नामक विषय पर तीन दिवसीस नैशनल सिम्पोज़ियम (संगोष्ठी) का आयोजन दि ट्रस्ट फ़ॉर एडवांसमेंट ऑफ़ एग्रीकल्चरल साइंसेस (टास) द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् और सी.जी.आई.ए.आर. के इक्रीसैट (इंडिया), इंटरनैशनल मेज़ एंड व्हीट इंप्रूवमेंट सैंटर (सिमिट), मैक्सिको; इंटरनैशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट, फ़िलिपीन्स और इंडियन सोसाइटी ऑफ़ प्लान्ट जैनेटिक रिसोर्सेस जैसे प्रमुख संस्थानों के साथ मिलकर हाइब्रिड टेक्नोलॉजी फ़ॉर एन्हान्सिंग क्रॉप प्रॉडक्टिविटी नामक विषय पर तीन दिवसीय एक नैशनल सिम्पोज़ियम (संगोष्ठी) का आयोजन किया जा रहा है। यह संगोष्ठी राजधानी दिल्ली में पूसा कैंपस के एन.ए.एस.सी. कॉम्प्लैक्स में स्थित ए.पी. शिंदे सिम्पोज़ियम (संगोष्ठी) हॉल में 8 से 10 जनवरी - 2025 तक आयोजित की जा रही है। मुख्य अतिथि के रूप में माननीय प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी के प्रिंसिपल सैक्रेट्री, डॉ. पी.के. मिश्रा ने इस संगोष्ठी का शुभारंभ किया। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के महानिदेशक, डॉ. हिमांशु पाठक के साथ प्रॉटेक्शन ऑफ़ प्लान्ट वैराइटीज़ एंड फ़ार्मर्...

किरायेदार पुलिस सत्यापन: मकान मालिकों और किरायेदारों के लिए

किरायेदार पुलिस सत्यापन: मकान मालिकों और किरायेदारों के लिए                आवश्यक मार्गदर्शिका लगातार बढ़ती आबादी और आवास की कमी के कारण, यह स्वाभाविक है कि ज़्यादातर लोग घर खरीदने के बजाय किराए पर लेना ज़्यादा पसंद कर रहे हैं। सभी के लिए किराए पर लेना आसान बनाने के लिए, सरकार ने 2019 में मॉडल टेनेंसी एक्ट की शुरुआत की और इस एक्ट में, आप देखेंगे कि किराएदार का पुलिस सत्यापन एक बड़ी भूमिका निभाता है।  चूँकि भारत एक विकासशील देश है, इसलिए आम लोगों के बजट के भीतर लागत को बनाए रखना के कारण होने वाले तनाव को बढ़ाता है और रियल एस्टेट उद्योग पर दबाव काफी बढ़ गया है।  भारत में, जनसंख्या और शहरीकरण में वृद्धि के कारण, घर बनाने के लिए जगह कम हो गई है और अधिक इमारतें बन गई हैं। इससे किफायती घरों की कमी हो गई है। इस प्रकार, लोग अपार्टमेंट किराए पर देने की ओर रुख कर रहे हैं। ऐसा करते समय, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि किराएदार का पुलिस सत्यापन पहले से ही हो चुका है। सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी किरायेदार पुलिस सत्यापन प्रक्रिया लागू ...

महाकुंभ 2025 प्रयागराज में CM योगी ने सफाईकर्मियों के साथ खाना खाया:3 बड़े ऐलान किए PM मोदी बोले- कोई कमी रही हो तो माफ करना

उत्तर प्रदेश प्रयागराज ..... क्षेत्र में महाकुंभ 2025 प्रयागराज में CM योगी ने सफाईकर्मियों के साथ खाना खाया:3 बड़े ऐलान किए PM मोदी बोले- कोई कमी रही हो तो माफ करना🙏 महाकुंभ में सीएम योगी ने सफाईकर्मियों के साथ भोजन किया। महाकुंभ गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ है। 45 दिन तक चले महाकुंभ का कल (26 फरवरी) महाशिवरात्रि के दिन समापन हो चुका है। हालांकि, आज भी मेले में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। लोग संगम स्नान के लिए पहुंचे। मेले में कुछ दुकानें भी लगी हैं। सीएम योगी, दोनों डिप्टी सीएम के साथ गुरुवार सुबह प्रयागराज पहुंचे। महाकुंभ के समापन पर योगी ने पहले अरैल घाट पर झाड़ू लगाई। गंगा नदी से कचरा निकाला। फिर गंगा पूजन भी किया। योगी ने सफाईकर्मियों के साथ जमीन पर बैठकर खाना खाया। दोनों डिप्टी ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य भी मौजूद रहे। योगी नेत्र कुंभ गए। शाम को पुलिसकर्मियों से मुलाकात की। उनके साथ खाना खाया। सीएम ने कहा- कल महाकुंभ की पूर्णाहुति हुई। आस्था का इतना बड़ा समागम दुनिया के अंदर कहीं नहीं हुआ।  योगी के तीन बड़े ऐलान स्वच्छता कर्मियों को 10 हजार बोनस मिलेगा। जिन स्वच्छता कर...