*राम राम* *मित्रों आप सभी से निवेदन है कि दो मिनट का समय निकाल कर जरूर पढ़ें* *ये बकवास नहीं है* *सच्चाई है समाज की* *एक कटु सत्य*
🙏 *राम राम* 🙏
*मित्रों आप सभी से निवेदन है कि दो मिनट का समय निकाल कर जरूर पढ़ें* 🙏
*ये बकवास नहीं है* *सच्चाई है समाज की*
🙏 *एक कटु सत्य* 🙏
*रिश्ते तो पहले होते थे। अब रिश्ते नहीं सौदे होते हैं। बस यहीं से सब कुछ गड़बड़ हो रहा है।*🙏
*किसी भी मां बाप में अब इतनी हिम्मत नहीं बची है कि बच्चों का रिश्ता अपनी मर्जी से कर सकें।* 🙏
*पहले खानदान देखते थे। सामाजिक पकड़ और संस्कार देखते थे और अब* .... 🙏
*मन की नही तन की सुन्दरता , नौकरी , दौलत , कार , बंगला।*🙏
*साइकिल , स्कूटर वाला राजकुमार किसी को नही चाहिये । सब की पसंद कारवाला ही है। भले ही इनकी संख्या 10% ही हो ।* 🙏
*लड़के वालों को लड़की बड़े घर की चाहिए ताकि भरपूर दहेज मिल सके और लड़की वालों को पैसे वाला लड़का ताकि बेटी को काम करना न पड़े।🙏
*नौकर चाकर हो। परिवार छोटा ही हो ताकि काम न करना पड़े और इस छोटे के चक्कर में परिवार कुछ ज्यादा ही छोटा हो गया है।* 🙏
*पहले रिश्तों में लोग कहते थे कि मेरी बेटी घर के सारे काम जानती है और अब*.... 🙏
*हमने बेटी से कभी घर का काम नहीं करवाया यह कहने में शान समझते हैं।*🙏
*इन्हें रिश्ता नहीं बल्कि बेहतर की तलाश है। रिश्तों का बाजार सजा है गाडी़यों की तरह। शायद और कोई नयी गाड़ी लांच हो जाये। इसी चक्कर मे उम्र बढ रही है। अंत में सौ कोड़े और सौ प्याज खाने जैसा है* 🙏
*अजीब सा तमाशा हो रहा है। अच्छे की तलाश में सब अधेड़ हो रहे हैं।* 🙏
*अब इनको कौन समझाये कि एक उम्र में जो चेहरे मे चमक होती है वो अधेड़ होने पर कायम नहीं रहती , भले ही लाख रंगरोगन करवा लो ब्युटिपार्लर में जाकर।* 🙏
*एक चीज और संक्रमण की तरह फैल रही है। नोकरी वाले लड़के को नौकरी वाली ही लड़की चाहिये।*🙏
*अब जब वो खुद ही कमाएगी तो क्यों आपके या आपके मां बाप की इज्जत करेगी.?*🙏
*खाना होटल से मंगाओ या खुद बनाओ*
*आजकल अधिकांश तनाव के बस यही सब कारण है* 🙏
*एक दूसरे पर अधिकार तो बिल्कुल ही नहीं रहा। उपर से सहनशीलता तो बिल्कुल भी नहीं। इसका अंत आत्महत्या और तलाक ?*🙏
*घर परिवार झुकने से चलता है , अकड़ने से नहीं.।* 🙏
*जीवन में जीने के लिये दो रोटी और छोटे से घर की जरूरत है बस और सबसे जरूरी आपसी तालमेल और प्रेम प्यार की लेकिन.....*🙏
*आजकल बड़ा घर व बड़ी गाड़ी ही चाहिए चाहे मालकिन की जगह दासी बनकर ही रहे।*🙏
*आजकल हर घरों मे सारी सुविधाएं मौजूद हैं....*
*कपड़ा धोने की वाशिंग मशीन*
*मसाला पीसने की मिक्सी*
*पानी भरने के लिए मोटर*
*मनोरंजन के लिये टीवी*
*बात करने मोबाइल*
*फिर भी असन्तुष्ट...*🙏
*पहले ये सब कोई सुविधा नहीं थी। पूरा मनोरंजन का साधन परिवार और घर का काम था , इसलिए फालतू की बातें दिमाग मे नहीं आती थी।* 🙏
🙏 *न तलाक न फांसी,*🙏
*आजकल दिन में तीन बार आधा आधा घंटे मोबाइल में बात करके , घंटो सीरियल* *देखकर ,और ब्युटीपार्लर में समय बिताकर।*🙏
*मैं जब ये जुमला सुनता हूं कि घर के काम से फुर्सत नहीं मिलती तो हंसी आती है। सभी भाई बहनों के लिए केवल इतना ही कहूंगा कि पहली बार ससुराल हो या कालेज लगभग बराबर होता है। थोड़ी बहुत अगर रैगिंग भी होती है तो सहन कर लो।* 🙏
*कालेज में आज जूनियर हो तो कल सीनियर बनोगे। ससुराल में आज बहू हो तो कल सास बनोगी।*🙏
*समय से शादी करो, स्वभाव में सहनशीलता लाओ परिवार में सभी छोटे बड़ों का सम्मान करो यह व्यवहार आपको ब्याज सहित वापिस मिलेगा।*🙏
*आत्मघाती मत बनो। जीवन में उतार चढा़व आता है। सोचो समझो फिर फैसला लो, बड़ों से बराबर राय लो, उनके उपर और ऊपर वाले पर विश्वास रखो* 🙏
*हम सब ठंढे मन से विचार करें कि हम कहां से कहां आ* *गये* ?🙏
🙏 *दुर्गा प्रसाद गुप्ता* 🙏
*साभार...* *#हर_बेटी_मेरी* 🙏
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देश मेरा वतन समाचार पत्र
संपादक श्री दयाशंकर गुुुप्ता जी
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