हिंदी की गूँज के कवि सम्मेलन में कवियों ने गाये सावन के गीत*

*हिंदी की गूँज के कवि सम्मेलन में कवियों ने गाये  सावन के गीत* 





मैसूर/ दिल्ली।  अग्रणी साहित्यिक संस्था हिंदी की गूंज द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पावस कवि सम्मेलन में देश- विदेश से कवि- कवयित्रियों ने एक से बढ़कर एक रचना प्रस्तुत कर रविवार की शाम को काव्यमय कर दिया। कवियों ने मिलन-विरह और सावन के गीत सुनाकर श्रोतागणों को भावविभोर कर दिया। 

 ऑनलाइन आयोजित कार्यक्रम का शुभारम्भ डॉ पूर्णिमा उमेश मैसूर ने सरस्वती वंदना से किया।

कार्यक्रम में डॉ लक्ष्मी भट्ट देेेेहरादून नेे कहा-

ऐसी मेहंदी लगाओ मेरे हाथ में पिया ले जाएंगे मुझे साथ'। 


गीतों के सुकुमार मधुर कंठ के धनी डॉ विनोद चौहान प्रसून ने बीते दिनों की याद दिलाते कहा- 

ना होता था कभी जब फोन कागज़ का सहारा था। कभी हमने भी दिल का हाल कागज़ पर उतारा था।। 

 हैदराबाद से जुड़ी डॉ अर्चना पांडेय ने  सावन की घटाओं से कहा- 'बरखा रानी है तुझसे आशा ले जा संग में सबकी निराशा।' 

तो माया नगरी मुंबई से जुड़ी डॉ वर्षा महेश गरिमा ने कुछ यूँ बयां किया-- 

प्रीत से मीत के मधुर मिलन का मौसम छाया है देखो सावन आया है। 

चेन्नई से जुड़ी सुप्रसिद्ध लेखिका, कवयित्री  रोचिका शर्मा ने- 'मयूरा थिरक रहे भीगे मन प्रेम गहे बौराई गोरी कहे छतरी उड़ाई दे। सुनाकर सभी को आनंदित किया। 

 आबुधाबी से जुड़े अरविंद भगानिया ने सावन का आगाज़ करते कहा-

सावन आया झूम के, भरने दिल में प्यार।

बादल बरसो घूम के, नभ का हो श्रंगार।।

 नासिक से प्रसिद्ध चित्रकार व कवयित्री मंजू चौहान ने एक बिरहन की प्रेम भरी पाती पढ़कर सभी को भावविभोर कर दिया कहा- 

सुनो ना सावन से पहले चले आना।

 युवा कवि तपस अग्रवाल ने सावन दृश्य दिखाते कहा- 

"झूले पड़ गए डालो पर सावन ऋतु आ गई द्वारे। 

सुनाकर सावन के आगमन की सूचना दी। जनपद बिजनौर के नजीबाबाद से जुड़े कवि डॉ प्रमोद शर्मा प्रेम ने कहा- "समुंदर आंख में लेकर लिखा है दर्द को मैंने"।

 कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार, बाल कवि व हिंदी की गूंज संस्था के संयोजक  नरेंद्र सिंह नीहार ने गीत सुनाकर खूब वाहवाही बटोरी,कहा-

आई है बरसात सजन तुम आ जाना। 

मन है रेगिस्तान सजन तुम आ जाना।। 

डॉ ममता श्रीवास्तव ने नव कवियों से अपनी जान-पहचान बढ़ाते मधुर कंठ से कहा- 

कल तक थे जो अनजान उनसे पहचान बन गई। रिमझिम बरखा संग फिर एक सुहानी शाम ढल गई।। ?

               👇👇👇👇👇👇👇👇👇                                मेरा देश मेरा वतन समाचार पत्र के

                                  
                         संंपादक श्री दयाशंकर गुुुप्ता जी                   

 दिल्ली के सुप्रसिद्ध संचालकर्ता व उद्घोषक भाई खेमेंद्र सिंह ने कार्यक्रम का बड़ी कुशलता से संचालन किया। संस्था के मीडिया प्रभारी प्रमोद चौहान प्रेम ने सफल व शानदार कार्यक्रम के लिए सभी को बधाई दी और कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की। श्रोता के रूप में जुड़ी निर्मला जोशी, गिर्राज सिंह शर्मा, गिरीश जोशी, संजय सिंह, प्रवीण कुमार, रामकुमार पांडे, तरुणा पुंडीर, भावना मिलन, डॉ. चैत्रा, विद्या सागर, अम्बिका भोरे, रामजी राय आदि ने अपने संदेशों से सभी की सराहना की।

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